सासाराम हिंसा: भाजपा नेता जवाहर प्रसाद को कोर्ट से मिली निराशा, जमानत याचिका दूसरी बार हुई खारिज
सासाराम हिंसा मामले में भाजपा के पूर्व विधायक जवाहर प्रसाद की जमानत याचिका एक बार फिर खारिज कर दी गयी है. सासाराम में रामनवमी पर हुए हिंसा मामले में जवाहर प्रसाद अभी जेल में बंद हैं.
सासाराम. सासाराम हिंसा मामले में भाजपा के पूर्व विधायक जवाहर प्रसाद की जमानत याचिका एक बार फिर खारिज कर दी गयी है. सासाराम में रामनवमी पर हुए हिंसा मामले में जवाहर प्रसाद अभी जेल में बंद हैं. भाजपा विधायक जवाहर प्रसाद की जमानत याचिका को कोर्ट ने गुरुवार को दूसरी बार खारिज किया गया है. कोर्ट से दो-दो बार जमानत की याचिका खारिज होंने के बाद अब पूर्व विधायक की मुश्किलें बढ़ गयीं हैं. कोर्ट के फैसले के बाद अब उन्हें अभी जेल में कुछ और दिन रहना होगा.
गिरफ्तारी के बाद बिहार में राजनीति तेज
रामनवमी जुलूस की हिंसा के करीब एक महीने बाद 30 अप्रैल को सासाराम से भाजपा के पूर्व विधायक जवाहर प्रसाद को गिरफ्तार किया गया था. जवाहर प्रसाद की गिरफ्तारी के बाद बिहार में राजनीति तेज हो गयी थी. इस दौरान पूर्व विधायक ने मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी की कोर्ट में जमानत के लिए अर्जी लगायी थी, लेकिन 08 मई को सासाराम कोर्ट ने उनकी जमानत याचिका को खारिज कर दिया था. इसके बाद फिर से जमानत के लिए याचिका दायर की गयी थी. इसे आज कोर्ट ने खारिज कर दिया है. कोर्ट ने दूसरी बार जमानत याचिका को खारिज किया है. इससे जवाहर प्रसाद की मुश्किलें नजर आ रही हैं.
आरोप से करते रहे हैं इनकार
पांच बार एमएलए रह चुके जवाहर प्रसाद को सासाराम में रामनवमी के दौरान हिंसक झड़प मामले में 30 अप्रैल को गिरफ्तार किया गया था. भाजपा विधायक जवाहर प्रसाद की गिरफ्तारी के खिलाफ बीजेपी ने धरना दिया था, तो वही दूसरी ओर जदयू ने पोल खोल कार्यक्रम कर भाजपा पर जमकर हमला बोला था. गिरफ्तारी के बाद जवाहर प्रसाद ने कहा था कि वे दंगाई नहीं हैं, उन पर गलत आरोप लगाया जा रहा है. जवाहर प्रसाद ने कहा कि वे माई तारा चंडी के भक्त है.