नगर आयुक्त के खिलाफ बयान देने को 30 वार्ड पार्षद तैयार

बोर्ड की बैठक में जातिसूचक शब्दों के इस्तेमाल पर प्राथमिकी दर्ज करायी गयी है. इस मामले में सामूहिक रूप से पुलिस अधीक्षक को पत्र लिख कर पुलिस के समक्ष बयान देने की बाती कही है.

By Prabhat Khabar News Desk | May 4, 2024 9:40 PM

सासाराम नगर. नगर आयुक्त के विरुद्ध पुलिस के समक्ष बयान देने को 30 वार्ड पार्षद तैयार हैं. उन्होंने सामूहिक रूप से पुलिस अधीक्षक को पत्र लिखा है. इसमें पार्षदों ने लिखा है कि आजाद राम के साथ हुई घटना सही है. नगर आयुक्त ने बोर्ड की बैठक में जाति सूचक शब्दों का इस्तेमाल किया था, जिसके बाद पार्षद आजाद राम ने उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था. हालांकि इस मामले को पुलिस ने दर्ज करने में करीब 10 माह का समय लिया. कोर्ट के आदेश के बाद मामला एससी-एसटी थाना डेहरी में दर्ज हुआ है. लेकिन, अबतक नगर आयुक्त गिरफ्तारी को लेकर कोई कार्रवाई नहीं हुई है, जिसको लेकर कुछ दिन पहले ही पीड़ित पार्षद ने डीजीपी को पत्र लिखकर अपनी व्यथा बतायी थी. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, पत्र के बाद पुलिस हरकत में आयी है और बोर्ड की बैठक के दौरान मौजूद पार्षदों से पूछताछ कर अनुसंधान में जुटी हुई है. लेकिन, पीड़ित का आरोप है कि पुलिस मामले की लीपापोती में जुटी हुई है. ऐसे में मेरे साथ 30 से अधिक पार्षद हैं, जो उस दिन घटना स्थल पर मौजूद थे और पुलिस के समक्ष अपनी बयान दर्ज कराने को तैयार हैं. हालांकि पुलिस उन पार्षदों के पास अबतक नहीं पहुंची है. अभी उन पार्षदों से पूछताछ कर रही है, जो कभी मेयर के साथ और कभी मेयर के खिलाफ रहते हैं. हालांकि इस मामले में एससी-एसटी थाने के थानाध्यक्ष ने कहा कि वादी व परिवादी के अलावा गवाहों का बयान दर्ज कराया गया है. आगे की कार्रवाई वरीय अधिकारी करेंगे, जिसके बारे में वहीं बेहतर बता सकते हैं.

वीडियोग्राफी को लेकर हुआ था हंगामा

पिछले वर्ष 27 मई 2023 को नगर निगम में बोर्ड की बैठक के दौरान दोनों के बीच मामला हुआ था. प्राथमिकी के अनुसार बिना बोर्ड की जानकारी के बैठक की वीडियोग्राफी कराने को लेकर विरोध करने पर नगर आयुक्त ने जातिसूचक शब्दों का इस्तेमाल किया था. इसके बाद वार्ड पार्षद ने न्यायालय में परिवाद दायर किया था. परिवाद पर संज्ञान लेते हुए कोर्ट ने नगर आयुक्त के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज करने का आदेश दिया था. जिसके बाद डेहरी एससी/एसटी थाना में प्राथमिकी दर्ज हुई थी, जिसमें नगर आयुक्त पर धारा 379/120(बी) /323/353/467/ 468/471/ 420/504/511 आईपीसी व 3(1)(एम)(आर) एससी/एसटी एक्ट लगा है.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

Next Article

Exit mobile version