सभी वेंडरों के वेंडिंग जोन में जाने तक चलेगा अभियान, सख्ती बढ़ेगी
मुफ्त की सरकारी भूमि का मोह त्यागने में वेंडरों को हो रही परेशानी
22 जनवरी से लगातार चल रहे अभियान को चंद वेंडर दिखा रहे ठेंगा् सासाराम कार्यालय. पहले शहर के स्ट्रीट वेंडरों को पहचान पत्र मिला, फिर वेंडिंग जोन की मांग हुई. कुछ वर्ष लगे, पर बेहतर सुविधा के साथ पुराने बस पड़ाव में प्रशासन ने वेडिंग जोन बना दिया. जब वहां कारोबार करने की बारी आयी, तो आनाकानी शुरू हो गयी. कई बार आग्रह व चेतावनी के बाद गत 22 जनवरी से प्रशासन ने सख्ती दिखानी शुरू की. 25 जनवरी तक एसडीएम के साथ 13 मजिस्ट्रेट, नगर निगम के अफसर और कर्मचारी लगे रहे. फिर भी कई वेंडर सड़क का मोह नहीं छोड़ रहे हैं. कारोबार के लिए मुफ्त में सरकारी भूमि का मोह छोड़ने को तैयार नहीं हैं. ऐसे में प्रशासन को और सख्ती बरतनी पड़ रही है. इस छोटे से कार्य के लिए जिसमें शहर के सभी लोगों को साथ देना चाहिए, उसके लिए प्रशासनिक अधिकारियों व कर्मचारियों को अपना महत्वपूर्ण समय बेकार करना पड़ रहा है. मंगलवार को एक बार फिर नगर निगम के अफसरों की टीम जेसीबी मशीन के साथ सड़क पर उतरी. चंद ठेला वालों से जुर्माना वसूला. परेशानी दोनों को हुई, लेकिन सरकारी जमीन का मोह भंग नहीं हो रहा है. 90 प्रतिशत वेंडर पहुंच चुके हैं वेंडिंग जोन अनिच्छा से ही सही, पर अब करीब 90 प्रतिशत वेंडर माता सावित्री बाई फुले वेंडिंग जोन में पहुंच चुके हैं. चंद वेंडर ही सड़क किनारे बचे हुए हैं. वे भी कलेक्ट्रेट व नगर निगम कार्यालय के सामने. इन वेंडरों के लिए कुछ अलग ही योजना बनाकर प्रशासन को काम करना होगा. नहीं, तो इनकी देखादेखी एक दिन फिर वेंडर जोन खाली हो जायेगा और सड़कें पूर्व की तरह ठेला-खोमचा से भर जायेंगी. लगातार चलेगा अभियान अब किसी भी सब्जी या अन्य सामग्री बेचने वालों को सड़क किनारे नहीं रहने दिया जायेगा. वेंडर जोन बन चुका है. सभी को उसमें ही कारोबार करने के लिए जाना होगा. सड़क किनारे के वेंडरों के विरुद्ध प्रतिदिन और लगातार अभियान चलता रहेगा. आशुतोष रंजन, एसडीएम, सासाराम.
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