सोन नदी तट पर किया गया सातों शवों का अंतिम संस्कार

अग्निकांड : सभी सातों शवों की सोन नदी तट पर बुधवार सुबह अंत्येष्टि की गयी. सभी पांच बच्चों और गर्भवती महिला माया देवी व पुष्पा देवी को दफनाया गया.

By Prabhat Khabar News Desk | April 10, 2024 9:47 PM

नासरीगंज. कछवां थाने के इब्राहिमपुर पुल के समीप एक ही परिवार के सात सदस्यों की अगलगी में गयी जान के बाद मंगलवार की देर रात सभी शव गांव पहुंचते ही परिजनों में चीत्कार मच गया. सभी सातों शवों की सोन नदी तट पर बुधवार सुबह अंत्येष्टि की गयी. सभी पांच बच्चों और गर्भवती महिला माया देवी व पुष्पा देवी को दफनाया गया. माया देवी को उनके पति देवराज चौधरी ने मुखाग्नि दी. ग्रामीणों समेत कैथी पैक्स अध्यक्ष कृष्ण बिहारी सिंह ने बताया कि इस परिवार को कॉलोनी अलॉट किया गया था, लेकिन गांव के पश्चिम दिशा में थोड़ा गड्ढा था, जहां पानी लग जाता था. वह स्पॉट उन लोगों को पसंद नहीं था, इसलिए उस स्थान पर रहने से मना कर दिया था. दूसरा स्पॉट के लिए एसडीएम कार्यालय में कार्रवाई चल ही रही थी कि घटना हो गयी. एसडीएम अनिल बसाक ने बताया कि रैनबसेरे के तहत पीड़ित परिवार को ज़मीन की बंदोबस्ती की प्रक्रिया अंतिम चरण में है. आपदा की ओर से भी प्रति व्यक्ति चार लाख का मुआवजा सभी मृतकों के आश्रितों को दिया जायेगा. पारिवारिक लाभ के अंतर्गत भी लाभ दिया जायेगा. काराकाट के एनडीए प्रत्याशी उपेंद्र कुशवाहा घटनास्थल पर मातमपुर्सी को ले पहुंचे. उन्होंने परिजनों से मिलकर हरसंभव सहायता करने का भरोसा दिलाया. इनके अलावा जदयू नेता प्रोफेसर बलिराम मिश्रा, नासरीगंज प्रमुख योगेश कुमार, जदयू प्रखंड अध्यक्ष डॉ अमरेंद्र कुमार सहित अन्य लोगों ने सरकार से पीड़ित परिवार को मुआवजा व कॉलोनी उपलब्ध कराने की मांग की. घटना स्थल पर अभी भी लोगों का जमावड़ा लगा हुआ है.

सीओ ने दिया चार लाख का चेक

इस अवसर पर बुधवार को घटनास्थल पर काराकाट सीओ डॉ रितेश कुमार ने छह वर्षीया कांति कुमारी की माता राजू देवी को आपदा प्रबंधन की ओर से चार लाख का चेक प्रदान किया. सीओ ने बताया कि सभी मृतकों का बैंक अकाउंट अपडेट होने के बाद सहायता राशि दी जायेगी. गौरतलब है कि मृतक परिवार की सदस्या राजू कुमारी जो पानी लाने के लिए सड़क के उस पार अपनी पुत्री को झोंपड़ी में सुला कर गयी थी और जब लौटी तो मंजर देखते रह गयी. आग में झुलसी अपनी पुत्री समेत अन्य को देख वहीं मूर्छित हो कर गिर गयी. इस प्रकार वह बाल-बाल बच गयी. अन्यथा वह भी आग की चपेट में आ गयी होती.

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