बलथरी-शेख बहुआरा सड़क की हालत खराब, फुटपाथ भी बेहाल
ट हाइवे 17 सासाराम-चौसा सड़क से राष्ट्रीय राजमार्ग 319 आरा-मोहनिया सड़़क को जोड़़ने वाले बलथरी-शेख बहुआरा पथ की हालत खराब हो गयी है. इस पथ पर गाड़ी तो दूर, पैदल चलना मुश्किल हो गया है.
कोचस. स्टेट हाइवे 17 सासाराम-चौसा सड़क से राष्ट्रीय राजमार्ग 319 आरा-मोहनिया सड़़क को जोड़़ने वाले बलथरी-शेख बहुआरा पथ की हालत खराब हो गयी है. इस पथ पर गाड़ी तो दूर, पैदल चलना मुश्किल हो गया है. करीब 15 किलोमीटर दूरी वाली इस सड़क से रामपुर, डेबरियां, कपसियां, मैनपुरा, बाराडीह, शेख बहुआरा, हटना, पटना, अठवलिया, बेदवलिया, सोहवलिया समेत एक दर्जन से अधिक गांव जुड़े हुए हैं. इस क्षेत्र के किसानों की दृष्टि से यह सड़क बहुत ही महत्वपूर्ण मानी जाती है. लेकिन, प्रशासन एवं जनप्रतिनिधियों की उदासीनता के कारण यह सड़क गड्ढे में तब्दील हो गयी है.
डेबरियां गांव निवासी संतोष तिवारी, शेख बहुआरा के धनंजय शर्मा, पटना के पूर्व मुखिया सुरेंद्र त्रिगुण, मनोज त्रिगुण, कपसिया के पूर्व मुखिया सुनील कुमार रजक,रमेश बैठा, अशोक सिंह, सुरेश कुमार सिंह, राधेश्याम पाठक आदि का कहना है कि पांच साल से अधिक दिनों से इस पथ के खराब हो जाने से लोग सड़क के किनारे कच्ची फुटपाथ पर चल रहे थे. अब जगह-जगह सड़क के उखड़ जाने से फुटपाथ भी गट्टी से भर गया है. इससे अब पैदल चलना भी मुश्किल हो गया है. सबसे अधिक परेशानी किसानों को तब होता है जब बरसात के दिनों में कोचस या परसथुआं से कृषि सामग्री व खाद ले जाना होता है. किसी तरह खेत के मेंढ के सहारे सिर पर खाद का बोरी ढोकर बाजार से ले जाना पड़ता हैं. लोगों का कहना है कि प्रशासन समेत जनप्रतिनिधियों से इस पथ की मरम्मत के लिए लिखित व मौखिक कई बार आग्रह किया गया है. मीडिया के माध्यम से भी सवाल उठाया गया है. बावजूद इसके किसी के कान पर जूं तक नहीं रेंगी.आंदोलन की तैयारी में किसान
गौरतलब हो कि इस क्षेत्र के कपसियां गांव के सैकड़ों लोग पिछले दिनों बीते लोकसभा चुनाव में रोड नहीं तो वोट नहीं ””””का बैनर लगाकर बीच सड़़क धरने पर बैठे भी थे. इसके बाद जिला प्रशासन के आदेश के आलोक में स्थानीय पुलिस-प्रशासन के द्वारा गांव व क्षेत्र के लोगों से वोट बहिष्कार नहीं करने व उनके समस्याओं को दूर करने की अपील की गयी थी. इस दौरान बहुत समझाने-बुझाने के बाद ग्रामीण मतदान में शामिल होने के लिए तैयार हुए थे. लोगों का कहना है कि अगर हाल के दिनों में इस पथ पर ध्यान नहीं दिया गया, तो इस क्षेत्र के किसान आंदोलन करने को मजबूर हो जायेंगे.क्या कहते हैं विधायक
इस संबंध में स्थानीय विधायक संतोष कुमार मिश्रा ने बताया कि करीब 15 करोड़ रुपये की लागत से सड़क निर्माण का प्रस्ताव वित्त विभाग को भेजा गया है. जून के अंतिम सप्ताह तक स्वीकृति मिलने की संभावना जतायी जा रही है. स्वीकृति मिलते ही निविदा की प्रक्रिया शुरू कर दी जायेगी.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है