Bihar News: बिहार में जहरीली शराब ही नहीं विषाक्त भोजन भी ले रहा जान, अब तक आधा दर्जन की मौत

Bihar News: बीमार लोगों में 4 महिला शामिल हैं. खाना खाने के बाद सभी की तबीयत बिगड़ी है. आनन-फानन में सभी को सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया है.

By Ashish Jha | October 22, 2024 11:19 AM

Bihar News: पटना. बिहार में जहरीली शराब से ही नहीं बल्कि विषाक्त भोजन भी लोगों की जान ले रही है. आये दिन विषाक्त भोजन खाने से लोगों के बीमार होने की खबर आती रहती है. पिछले एक साल पर गौर करें तो बिहार में आधा दर्जन से अधिक लोगों की मौतें जहरीला भोजन खाने से हो चुकी है. ताजा मामला सासाराम का है. रोहतास जिला मुख्यालय से एक बड़ी सूचना आ रही है. सासाराम में विषाक्त भोजन करने से एक ही परिवार के 6 लोग बीमार हो गये हैं. बीमार लोगों में 4 महिला शामिल हैं. खाना खाने के बाद सभी की तबीयत बिगड़ी है. आनन-फानन में सभी को सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया है. घटना शिवसागर के घटिकन की है. डॉक्टरों का कहना है कि बीमार लोगों में दो की स्थिति गंभीर है.

पूर्णिया में हुई थी दो लोगों की मौत

अगस्त माह में पूर्णिया जिले के केनगर थाना क्षेत्र के इस्लामपुर गांव में एक ही परिवार के पांच लोगों की खाना खाने के बाद अचानक तबीयत बिगड़ गई. बताया जा रहा है कि बीमार पड़ने से अब तक परिवार के दो सदस्यों ने जान गंवा दी है. उनकी मौत इलाज के दौरान जीएमसीएच पूर्णिया में हुई. इस मामले के बाद सरकार ने मामले की जांच के आदेश भी दिये थे, लेकिन अब तक जांच रिपोर्ट सार्वजनिक नहीं हो पायी है.

एक बच्ची की हुई थी मौत

पूर्णिया जिले के ही जलालगढ़ थाना क्षेत्र के पनखोवर गांव में फूड पॉइजनिंग से एक बच्ची की मौत हो गई, जबकि चार की स्थिति गंभीर है. सभी एक ही परिवार के थे. सभी का इलाज जीएमसीएच में किया गया. फूड पॉइजनिंग से मरने वाली बच्ची की पहचान मोहम्मद इब्राहिम की बेटी जुबेरा (06) के रूप में की गई है.

Also Read: Bihar Land Survey: नाकाफी रही ट्रेनिंग, सरकार सर्वे कर्मियों को अब देगी कैथी लिपि की किताब

औरंगाबाद में भी एक की मौत

इसी प्रकार पिछले माह औरंगाबाद में श्राद्ध में विषाक्त भोजन करने से चार दर्जन से अधिक लोग बीमार हो गये थे. उनमें एक की मौत हो गई. औरंगाबाद जिला के देव थाना क्षेत्र अंतर्गत कटैया गांव की थी. मृतक की पहचान कटैया निवासी शंकर पांडेय (40) के रूप में की गई है. बीमार होने वालों में बच्चे, बूढ़े, जवान और महिलाएं शामिल थी. इनमें ज्यादातर एक ही परिवार के हैं.

Next Article

Exit mobile version