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अधर में लटका गोरेया नदी पर चेकडैम बनाने का प्रस्ताव

रोहतास व कैमूर जिले के सीमावर्ती इलाकों के किसानों के लिए वरदान साबित होने वाली गोरेया नदी पर चेकडैम बनाने का काम वर्षों से लंबित है. इससे दोनों जिलों के 80 गांवों के खेतों की प्यास अभी तक नहीं बुझ सकी है.

कोचस. रोहतास व कैमूर जिले के सीमावर्ती इलाकों के किसानों के लिए वरदान साबित होने वाली गोरेया नदी पर चेकडैम बनाने का काम वर्षों से लंबित है. इससे दोनों जिलों के 80 गांवों के खेतों की प्यास अभी तक नहीं बुझ सकी है. पिछले कई साल से इस नदी पर चेकडैम बनाने का प्रस्ताव सरकार के पास भेजा गया है. लेकिन, अब तक इस प्रोजेक्ट को अमलीजामा नहीं पहनाया गया. इसके कारण प्रत्येक वर्ष रोहतास व कैमूर के लगभग 80 गांवों के किसान पटवन से वंचित रह जाते हैं. इससे कथराई, सलथुआ व रघुनाथपुर रजवाहे से जुड़े अंतिम छोर के 80 गांवों के किसान अपने खेतों की सिंचाई ठीक से नहीं कर पाते हैं. इस संबंध में सिंचाई विभाग पटना की सर्वे टीम में शामिल कनीय अभियंता राकेश कुमार पांडेय ने बताया कि इसकी जांच रिपोर्ट विगत दिसंबर माह में विभाग को सौंपी गयी है. लोकसभा चुनाव के बाद ही इसकी अद्यतन जानकारी दी जा सकेगी.

किसानों ने बनायी थी कमेटी

जानकारी के अनुसार, कपसियां पंचायत के सोहवलिया व अठवलिया गांव के बीच गोरेया नदी पर चेकडैम बनाने को लेकर पिछले साल स्थानीय किसानों ने बैठक कर कमेटी बनायी था. इसमें कोचस पश्चिमी के जिला पार्षद विनय पाल की अध्यक्षता में 11 सदस्य बनाये गये थे. बैठक में सर्वसम्मति से विनय पाल को अध्यक्ष, परसथुआं के राजा यादव को उपाध्यक्ष, सेलास के शशिकांत राय को सचिव, जयशंकर प्रसाद को उपसचिव और विजय बहादुर को कमेटी का संयोजक बनाया गया था. कमेटी ने इस प्रोजेक्ट का पूरा खाका बरहूति गांव निवासी सिंचाई विभाग के सेवानिवृत्त अभियंता विजय बहादुर सिंह व कथराई के सेवानिवृत्त अभियंता जगन्नाथ सिंह की देखरेख में तैयार किया. इसके बाद इस प्रोजेक्ट का पूरा खाका सरकार के पास भेजा गया. सरकार से इस प्रोजेक्ट में तेजी लाने का दबाव बनाने के उद्देश्य से इसकी एक-एक कॉपी सांसद, विधायक व पूर्व विधायक को भी दी गयी थी. इस चेकडैम के निर्माण से कोचस प्रखंड के कपसियां, कथराई व चितैनी पंचायत के सभी गांव, करगहर प्रखंड के बकसड़ा व सिवन पंचायत और कैमूर जिले के सिसवार, सलथुआ, ससना आदि पंचायत के लगभग 80 गांवों के किसान लाभान्वित होंगे.

पिछले साल पटना से आयी थी जांच टीम

सामाजिक कार्यकर्ता जयशंकर प्रसाद की मानें, तो इस चेकडैम को अमलीजामा पहनाने को लेकर 20 मार्च 2023 को सिंचाई विभाग के कनीय अभियंता राकेश पांडेय के नेतृत्व में पहुंची पांच सदस्यीय टीम ने निर्माण स्थल के साथ-साथ अन्य बिंदुओं पर गहन पड़ताल की. इस दौरान टीम ने शीघ्र ही इसकी जांच रिपोर्ट विभाग को सौंपने की बात कही थी. लेकिन, सरकार, सांसद और स्थानीय विधायक के उदासीन रवैये के कारण इस नदी पर चेकडैम का निर्माण कार्य नहीं हो सका है.

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