निगरानी को नगर निगम नहीं दे रहा घोटालों की संचिका

sasaram news. नगर निगम में हुए घोटाले की पोल खोलने के लिए निगरानी अन्वेषण ब्यूरो पिछले चार वर्षों से लगातार प्रयासरत है. पर, शायद नगर निगम के अफसर व कर्मचारी नहीं चाहते कि घोटाले की विस्तार से पोल खुले. इसी वजह से पिछले चार वर्षों से निगरानी द्वारा मांगी गयी संचिकाओं को अब तक उसे सुपुर्द नहीं किया गया है.

By Prabhat Khabar News Desk | January 14, 2025 9:35 PM

सासाराम नगर. नगर निगम में हुए घोटाले की पोल खोलने के लिए निगरानी अन्वेषण ब्यूरो पिछले चार वर्षों से लगातार प्रयासरत है. पर, शायद नगर निगम के अफसर व कर्मचारी नहीं चाहते कि घोटाले की विस्तार से पोल खुले. इसी वजह से पिछले चार वर्षों से निगरानी द्वारा मांगी गयी संचिकाओं को अब तक उसे सुपुर्द नहीं किया गया है, जिससे जांच की गति में तेजी आ सके. निगरानी के पास वर्ष 2020 में सासाराम नगर पर्षद में करीब 4.38 करोड़ रुपये के सोलर लाइट और करीब 83.82 लाख रुपये का भुगतान और इसके रखरखाव के लिए करने का मामला दर्ज हुआ था, जिसका उद्भेदन करने के लिए निगरानी ने नगर निगम को पहला पत्र 20 अगस्त 2021 को लिखा था. इसमें उसने निगम से 1610 सोलर स्ट्रीट लाइट की संचिका, सशक्त स्थायी समिति की बैठक की बही, 10 अदद पियाजू एपीइ थ्री व्हीलर के क्रय की संचिका, सात लीटर पूर्ण ऑटोमेटिक फॉगिंग मशीन की क्रय की संचिका व सोलर लाइट की वारंटी अवधि में रखरखाव एवं मरम्मत के भुगतान की संचिका और प्लॉट संख्या-1227, वार्ड संख्या-27/9 जमीन हस्तांतरण की संचिका की मांग कार्यपालक पदाधिकारी से की थी. लेकिन, मामला दर्ज होने के चार साल बाद भी यह संचिका अब तक निगरानी को निगम के अधिकारियों ने नहीं सौंपी है. इसकी वजह से घोटाले का उद्भेदन नहीं हो रहा है और दोषियों तक निगरानी के हाथ नहीं पहुंच पा रहे हैं. इस संबंध में नगर आयुक्त सह डीडीसी विजय कुमार पांडेय से बात करने का प्रयास किया गया. लेकिन, कई बार फोन करने के बाद भी उन्होंने फोन रिसीव नहीं किया.

छह पत्रों के बाद भी नहीं भेजी संचिका

निगरानी ने घोटाले की जांच जल्द से जल्द पूरा करने के लिए मामला दर्ज होने के बाद करीब छह पत्र नगर निगम सासाराम को लिखे हैं. पहला पत्र 20 अगस्त 2021, दूसरा पत्र 18 जनवरी 2022, तीसरा पत्र 17 फरवरी 2022, चौथा पत्र दो मई 2022, पांचवां पत्र 28 जुलाई 2022 और छठा पत्र 15 अक्तूबर 2022 को लिखा है. इन पत्रों के जवाब में निगरानी को निगम के अधिकारियों ने संबंधित दस्तावेज नहीं भेजा, जिसकी वजह से निगरानी अन्वेषण ब्यूरो के एसपी ने सरकार के उपसचिव को 17 अक्तूबर 2024 में पत्र लिखा है, जिसमें उन्होंने सभी वाकयों का जिक्र करते हुए लिखा है कि मांगा गया अभिलेख अब तक कार्यपालक पदाधिकारी द्वारा जांचकर्ता को उपलब्ध नहीं कराया जा सका है. अत: आप अपने स्तर से पत्राचार कर अभिलेख उपलब्ध कराएं, ताकि जांच पूरी की जा सके.

विशेष कार्य पदाधिकारी ने विभाग को लिखा पत्र

निगरानी के पुलिस अधीक्षक के पत्र को आगे बढ़ाते हुए विशेष कार्य पदाधिकारी अरुण कुमार ठाकुर ने नगर विकास एवं आवास विभाग के सचिव को 17 दिसंबर 2024 को पत्र लिखा, जिसमें उन्होंने प्राप्त पत्र के आलोक में अनुरोध किया है कि जांच के लिए वांछित अभिलेख उपलब्ध कराने के लिए नगर निगम सासाराम के नगर आयुक्त को निर्देश दीजिए, जिससे कि संबंधित जांच को शीघ्र पूरा किया जा सके. इस पत्र को लेकर नगर विकास एवं आवास विभाग के परियोजना पदाधिकारी सह अपर निदेशक संदीप कुमार ने नगर आयुक्त नगर निगम सासाराम को 28 दिसंबर 2024 को पत्र लिखकर संबंधित अभिलेख निगरानी विभाग को उपलब्ध कराने का निर्देश दिया है. साथ ही इस संबंध में विभाग को भी अवगत कराने को कहा गया है.

मेरे पास आयेगा, तो जल्द भेज दूंगी संचिका

जिलाधिकारी उदिता सिंह ने कहा कि मुझे इस पत्र के संबंध में कोई जानकारी नहीं है. अगर हमसे ऐसी कोई सूचना मांगी जाती है, तो मैं उसे जल्द से जल्द विभाग को भेज दूंगी.

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