मांग 4.12 लाख की, मिलीं सिर्फ 2.88 लाख किताबें
जिले के सरकारी व सरकारी सहायता प्राप्त स्कूलों में शैक्षणिक सत्र 2024-25 शुरू हो चुका है. लेकिन, सभी बच्चों के हाथों में नयी किताबें नहीं पहुंच सकी हैं. उन्हें पुरानी किताबों से काम चलाना पड़ रहा है.
सासाराम ऑफिस. जिले के सरकारी व सरकारी सहायता प्राप्त स्कूलों में शैक्षणिक सत्र 2024-25 शुरू हो चुका है. लेकिन, सभी बच्चों के हाथों में नयी किताबें नहीं पहुंच सकी हैं. उन्हें पुरानी किताबों से काम चलाना पड़ रहा है. गौरतलब है कि जिले ने पटना को करीब 1978 स्कूलों के साढ़े चार लाख से ज्यादा छात्रों के लिए कुल 4.12 लाख किताबों की डिमांड भेजी थी, परंतु मात्र 2.88 लाख किताबें ही जिले को मिल पायी हैं. डिमांड व रिसीविंग के आंकड़ों पर नजर डालें, तो वर्ग एक के लिए हिंदी की 37696 के विरुद्ध 26390, उर्दू की 176 के विरुद्ध 125, मिक्स की 2411 के विरुद्ध 1689 कुल 40283 किताबों की डिमांड के विरुद्ध 28204 पुस्तक ही जिला शिक्षा विभाग को प्राप्त हुई हैं. इसी प्रकार वर्ग दो में हिंदी की 42310 में से 29618, उर्दू की 232 में से 163, मिक्स की 3130 में से 2192 कुल 45672 में से 31973, वर्ग तीन में हिंदी की 50175 में से 35122, उर्दू की 272 में से 191, मिक्स की 3108 में से 2175 कुल 53555 में से 37488 किताबें मुहैया करायी गयी हैं.