स्नेहा की हत्या से पता चल गया यूपी पुलिस का बिहारियों के साथ बर्ताव : रवींद्र
सासाराम की बेटी स्नेहा की हत्या के बाद लोगों में आक्रोश
सासाराम ग्रामीण. यूपी पुलिस की बर्ताव बिहारियों के साथ अच्छा नहीं है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र में ही पुलिस बिहारियों के साथ दुर्व्यवहार कर रही है. इसकी जीता जागता उदाहरण सासाराम की बेटी स्नेहा की हत्या के बाद की है. जहां पुलिस ने हत्या के 10 दिन बाद प्राथमिकी दर्ज किया और उसके शव को परिजनों के हाथ में दाह-संस्कार करने के लिए भी नहीं सौंपा. पुलिस खुद ही शव का दाह-संस्कार तक कर दिया. उक्त बातें गुरुवार को शहर के कुशवाहा सभा भवन में आयोजित प्रेसवार्ता के दौरान सभा भवन के अध्यक्ष रवींद्र कुशवाहा ने कहीं. उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश के वाराणसी के भेलूपुर थाना क्षेत्र के रामेश्वरम हॉस्टल में शहर के तकिया निवासी सुनील सिंह की बेटी की हॉस्टल संचालक के बेटे के द्वारा हत्या कर दी गयी. जब घटना एक फरवरी को होती है. हत्या कर शव का फंदे से लटका कर आत्महत्या का रूप दे दिया गया. लेकिन, पुलिस ने तत्काल न हॉस्टल के विरुद्ध कोई कार्रवाई तक नहीं की. इसके बदले पुलिस मृतिका के परिजनों को ही 10 दिनों तक दौड़ाती रही. यह यूपी पुलिस का सही चेहरा बिहारियों के प्रति सामने आने लगा है. प्रेसवार्ता में सत्यनारायण स्वामी, सुनील कुमार, शिवकुमार सिंह आदि शामिल थे.
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