डॉक्टरों की पिटाई के आरोपित एसआइ को डीआइजी ने किया सस्पेंड

संझौली में डॉक्टर पिता-पुत्र की पिटाई के मामले में आरोपित एसआइ शिवम कुमार को कांड के चौथे दिन मंगलवार को शाहाबाद प्रक्षेत्र के डीआइजी नवीनचंद्र झा ने सस्पेंड कर दिया.

By Prabhat Khabar News Desk | June 25, 2024 11:24 PM

सासाराम कार्यालय. संझौली में डॉक्टर पिता-पुत्र की पिटाई के मामले में आरोपित एसआइ शिवम कुमार को कांड के चौथे दिन मंगलवार को शाहाबाद प्रक्षेत्र के डीआइजी नवीनचंद्र झा ने सस्पेंड कर दिया. डीआइजी ने बताया कि एसडीपीओ की रिपोर्ट पर कांड के आरोपित एसआइ को तत्काल प्रभाव से सस्पेंड कर दिया गया है. एसआइ के विरुद्ध विभागीय कार्यवाही के लिए अनुशंसा की जायेगी. उन्होंने कहा कि इस कांड के अन्य आरोपितों के विरुद्ध कार्रवाई की जा रही है.

गौरतलब है कि इससे पहले कांड के दूसरे दिन 22 जून को एसपी विनीत कुमार ने एसआइ शिवम कुमार को संझौली थाने से किसी दूसरी जगह ट्रांसफर कर दिया था. एसपी की इस कार्रवाई से आइएमए संतुष्ट नहीं था. इसके बाद आइएमए का प्रतिनिधिमंडल मंगलवार को डीआइजी से मिला. इसके बाद डीआइजी ने उक्त कार्रवाई की है. हालांकि, इस कार्रवाई से भी आइएमए संतुष्ट नहीं है. इस संबंध में आइएमए के जिलाध्यक्ष डॉ सचिन कुमार कुशवाहा ने कहा कि जिस तरह एक डॉक्टर के साथ एसआइ ने बर्बर कार्य किया है, वैसे लोगों को रक्षक वाली नौकरी में नहीं रहना चाहिए. हम बर्खास्तगी चाहते हैं. वहीं, आइएमए के जिला सचिव डॉ अमित कुमार ने कहा कि हम पुलिस की कार्रवाई से संतुष्ट नहीं है. आगे आंदोलन तेज करने के लिए रणनीति पर विचार किया जा रहा है. इसको लेकर 26 जून को दोपहर दो बजे सत्यम प्लेस सासाराम में प्रेसवार्ता आहूत की गयी है.

क्या है मामला

संझौली में गत 21 जून की शाम करीब 6.30 बजे शिव मंगल ट्राॅमा सेंटर के डॉ गौरव कुमार अभिषेक और उनके पिता अजय कुमार के साथ संझौली थाने के एसआइ शिवम कुमार और दो अन्य लोगों ने मारपीट की थी. मारपीट के बाद पुलिस ने दोनों डॉक्टर पिता-पुत्र को थाना ले जाकर बेरहमी से पिटाई की थी. पिटाई से जख्मी डॉक्टरों का इलाज एनएमसीएच पटना में चल रहा है. पटना में ही आलमगंज थाने की पुलिस ने डॉ गौरव कुमार अभिषेक का बयान लेकर एसआइ सहित तीन लोगों को नामजद करते हुए प्राथमिकी दर्ज की थी. वर्तमान में पीड़ित डॉ गौरव भी पुलिस की इस कार्रवाई से असंतुष्ट हैं. उन्होंने कहा कि कांड में भूमिका निभाने वाले एक पुलिस अफसर भूपेंद्र प्रताप सिंह के विरुद्ध भी कार्रवाई होनी चाहिए. उनके रहते न्याय की गुंजाइश नहीं है. उन्होंने कहा कि घटना के चार दिन हो गये, लेकिन दो नामजद आरोपितों की गिरफ्तारी तक नहीं हो सकी है.

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