कुर्बानी करते समय न बनाएं वीडियो : इमा-ए-शहर
कुर्बानी के दिनों में अक्सर देखा जा रहा है कि लोग कुर्बानी से पूर्व व कुर्बानी के बाद का वीडियो व फोटो बना कर सोशल मीडिया पर वायरल कर रहे हैं, जिससे लोगों को तकलीफ होती है. ऐसे में आप अकीदतमंद कुर्बानी से पूर्व या कुर्बानी करते समय भूलकर भी वीडियो न बनाएं.
सासाराम ऑफिस. कुर्बानी में साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखें. कुर्बानी करने वाले जानवरों का प्रदर्शन हरगिज न करें. डिजिटल युग है, तो हर कोई हर चीज का फोटो या वीडियो बना रहा है. ऐसे में कुर्बानी के दिनों में अक्सर देखा जा रहा है कि लोग कुर्बानी से पूर्व व कुर्बानी के बाद का वीडियो व फोटो बना कर सोशल मीडिया पर वायरल कर रहे हैं, जिससे लोगों को तकलीफ होती है. ऐसे में आप अकीदतमंद कुर्बानी से पूर्व या कुर्बानी करते समय भूलकर भी वीडियो न बनाएं. ऐसा कुछ भी न करें, जिससे नागरिकों को पीड़ा हो. इसके साथ ही अन्य सावधानियां, जो बरती जा सकती हैं, बरती जाएं. उक्त अपील दारुल उलूम ख़ैरिया निज़ामिया के संरक्षक सह इमाम-ए-शहर अल्लामा मुफ्ती मो. मलिकुजजफर सहसारामी ने मंगलवार को विज्ञप्ति जारी कर की है. उन्होंने विज्ञप्ति में अकीदतमंदों से कहा है कि अनावश्यक और फालतू चीजें जिनका उपयोग न हो उन्हें इधर-उधर न फेंकें. बल्कि प्लास्टिक की थैली में डालकर कूड़ेदान में डाल दें. उन्होंने कहा है कि कुर्बानी हर उस मुस्लिम मर्द और औरत पर वाजिब है, जो साहेब नेसाब है. उन्होंने साहेब नेसाब के बारे में बताते हुए कहा है कि साहेब नेसाब वह है, जिसके पास कुर्बानी के दिनों में वर्तमान बाजार में साढ़े 52 भर चांदी की कीमत के अनुसार करीब 43800 रुपये हों. आम जिंदगी में इस्तेमाल होने वाले चीजें जैसे गाड़ी, मकान, वाशिंग मशीन, फ्रिज या अन्य के अलावा 43800 रुपये रखने वाले हर शख्स पर कुर्बानी अनिवार्य है. उन्होंने कहा कि कुर्बानी के दिनों में कुर्बानी ही वाजिब है. इतनी कीमत या जानवर सदका कर देने से कुर्बानी नहीं होगी. शिरकत की कुर्बानी में प्रत्येक भागीदार का इरादा अल्लाह ताआला की कुर्बत प्राप्त करना हो. यदि किसी शरीक का इरादा कुर्बानी के समान को प्राप्त करना हो तो सभी प्रतिभागियों की कुर्बानी बर्बाद हो जायेगी.
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