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गोड़ारी में फर्जी नर्सिंग होम सील, शटर गिरा संचालक फरार

सासाराम न्यूज : मां इमरजेंसी नर्सिंग होम में जच्चा-बच्चा की मौत के दूसरे दिन कार्रवाई

By Prabhat Khabar News Desk | October 15, 2024 9:11 PM
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सासाराम न्यूज : मां इमरजेंसी नर्सिंग होम में जच्चा-बच्चा की मौत के दूसरे दिन कार्रवाई

काराकाट.

नगर पंचायत काराकाट के गोड़ारी में मां इमरजेंसी नर्सिंग होम में सोमवार को जच्चा-बच्चा की मौत के बाद मंगलवार को स्वास्थ्य विभाग की टीम ने नर्सिंग होम को सील कर दिया. इसके साथ ही डॉक्टर के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज कराने का निर्देश अधिकारी को दिया. स्वास्थ्य विभाग की टीम के आने की सूचना पर नर्सिंग होम का संचालक शटर गिरा फरार हो गया. मंगलवार की सुबह करीब आठ बजे गोड़ारी सीएस डॉ मनिराज रंजन के नेतृत्व में बिक्रमगंज एसडीपीओ कुमार संजय, प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ राजीव कुमार, स्वास्थ्य प्रबंधक कौशलेंद्र शर्मा, स्वास्थ्य कर्मी सतीश कुमार, डाटा ऑपरेटर नागेश्वर तिवारी, थानाध्यक्ष फूलदेव चौधरी, एसआइ संजय कुमार ठाकुर ने जांच शुरू की. मां इमरजेंसी नर्सिंग होम के बंद मिलने पर उसे सील कर दिया. इसके साथी ही सीएचसी के पास एक महिला नर्सिंग होम को भी सील किया. दो नर्सिंग होम के सील होते ही गोड़ारी नगर में हड़कंप मच गया. फर्जी नर्सिंग होम व अल्ट्रासाउंड के संचालक अपना-अपना शटर गिरा फरार हो गये. बता दें कि 14 अक्तूबर को मां इमरजेंसी नर्सिंग होम में बघैला थाना क्षेत्र के श्रीनगर गांव निवासी दशरथ पासवान की पतोहू और जितेंद्र कुमार की प्रसव पीड़ित पत्नी ममता देवी की ऑपरेशन के दौरान बच्चा समेत मौत हो गयी थी. इसके विरोध में परिजनों ने हंगामा करते हुए थाने में प्राथमिकी दर्ज करायी थी.

दो वर्षों से चल रहा था नर्सिंग होम

जांच के बाद स्वास्थ्य विभाग ने प्रेस विज्ञप्ति जारी किया. उसके अनुसार, दो वर्षों से रामानुज तिवारी के मकान में बिना लिखित इकरारनामा के नर्सिंग होम का संचालन हो रहा था. नर्सिंग होम संचालक बिक्रमगंज निवासी उमेश कुमार सिंह ने मौखिक रूप से अस्पताल के संचालन के लिए मकान किराया पर लिया था. सीएस के कथनानुसार प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी काराकाट को बिहार नैदानिक स्थापन एक्ट 2010 के उल्लंघन के आरोप में प्राथमिकी दर्ज कराने का निर्देश दिया गया है. अब सवाल उठता है कि दो वर्षों से संचालित नर्सिंग होम की जानकारी स्वास्थ्य विभाग को क्यों नहीं थी, जबकि जांच दल में वे लोग शामिल थे, जिनकी इस तरह के नर्सिंग होम को चलने से रोकने की जिम्मेदारी है.

नर्सिंग होम में नहीं था ऑपरेशन टेबल

कल्पना कीजिए जब नर्सिंग होम में ऑपरेशन टेबल नहीं था, तो प्रसव पीड़िता ममता देवी का ऑपरेशन डॉक्टर ने कहां किया होगा. यह खुलासा सीएस के विज्ञप्ति से हुआ है कि जब नर्सिंग होम की जांच की गयी, तो वहां आठ-दस चौकी, बेड, कुर्सी, टेबल लगा हुआ था. ऑपरेशन रूम में लाइट थी, परंतु उसमें ऑपरेशन टेबल नहीं पाया गया. प्राप्त सामग्रियों से पता चलता है कि उक्त अस्पताल में ऑपरेशन का कार्य किया जाता रहा है. तो, फिर वही सवाल? सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के अधिकारी उस क्षेत्र में किसका निरीक्षण करते हैं.

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