सरैया व तिलौथू के सैकड़ों घरों में घुसा बाढ़ का पानी

स्थानीय प्रखंड क्षेत्र के तिलौथू व सरैया में सोन नदी के जलस्तर में हुई अप्रत्याशित वृद्धि के कारण लगभग सैकड़ों घरों में बाढ़ का पानी घुस गया. मंगलवार की रात अचानक हुई जलस्तर में वृद्धि ने लोगों की नींद हराम कर दी.

By Prabhat Khabar News Desk | September 18, 2024 9:53 PM

तिलौथू. स्थानीय प्रखंड क्षेत्र के तिलौथू व सरैया में सोन नदी के जलस्तर में हुई अप्रत्याशित वृद्धि के कारण लगभग सैकड़ों घरों में बाढ़ का पानी घुस गया. मंगलवार की रात अचानक हुई जलस्तर में वृद्धि ने लोगों की नींद हराम कर दी. तिलौथू व सरैया फोन तटीय इलाके के लोगों ने रातजगा करके अपनी रात बितायी है. लोग ऐसा डर रहे थे कि कहीं कोई अनहोनी ना हो जाये, क्योंकि सोन के जलस्तर में काफी तेजी से वृद्धि हो रही थी. मंगलवार की शाम तक जलस्तर में कोई वृद्धि नहीं हुई थी. सब स्थिति सामान्य थी, लेकिन रात्रि आठ बजे के बाद 11 बजे रात तक जलस्तर में काफी तेजी से वृद्धि हुई और सरैया सोन घाट के ऊपर पानी आ गया. इससे सोन के किनारे वाले कई घरों में बाढ़ का पानी प्रवेश कर गया. इसी क्रम में सरैया सोन घाट पर एक आंगनबाड़ी केंद्र व कई लोगों के घरों में बाढ़ का पानी प्रवेश कर गया. रात भर लोग सोन तट पर टॉर्च जलाकर जगते रहे, क्योंकि लोगों को कितना पानी बढ़ेगा, इसका अंदाजा नहीं था. हालांकि, प्रशासन के द्वारा भी इस जलस्तर में वृद्धि होने की कोई सूचना ग्रामीणों को नहीं दी गयी थी. वहीं, तिलौथू के फारुखगंज , तुतही पुल व तिलौथू का वार्ड नंबर पांच पूरी तरह से बाढ़ की चपेट में आ गया है. इससे लगभग सैकड़ों घरों में बाढ़ का पानी समा गया. लोग बाढ़ के पानी के डर से छत पर अपना आशियाना लिये हुए थे. वार्ड पांच में आंगनबाड़ी केंद्र समेत कई लोगों के घर डूब गये. सरैया सोन घाट के किनारे रहने वाले लोगों का कहना है कि सोन नदी से हम लोगों का घर चंद कदमों की दूरी पर है, लेकिन हम लोगों को यह अंदाजा नहीं था कि बाढ़ का पानी इतना ज्यादा आ जायेगा. घाट के ऊपर तक पानी चढ़ गया है. सरैया सोन तट के किनारे ज्यादातर मछुआरे व कुरैशी परिवार के घर हैं. कितने लोग तो अपनी-अपनी नाव को लेकर भी चिंतित थे कि इस बाढ़ के पानी में कहीं नाव भी ना बह जाये, तो कितने लोग रात में अपने घर को डूब जाने को लेकर चिंता में जागते रहे, लेकिन स्थिति तब सामान्य हुई, जब बुधवार की सुबह सोन का जलस्तर धीरे-धीरे घटने लगा.

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