सासाराम नगर. नगर निगम से जन्म-मृत्यु प्रमाणपत्र प्राप्त करना अब मुश्किल हो गया है. रोज आते आवेदनों को निष्पादित करने में चार महीनों से अधिक समय लग जा रहा है. अगर आवेदन के साथ-साथ आपने पैसे नहीं दिये हैं, तो आपका प्रमाणपत्र नहीं बनेगा. यह मामला निगम में कई दिनों से चल रहा है, जिसको लेकर पार्षदों ने मेयर को भी अवगत कराया था. लेकिन, स्थिति में कोई सुधार नहीं हुआ, तो गुरुवार को मामला गरम हो गया. दोपहर के करीब 2:30 बजे होंगे. उसी दौरान निगम कार्यालय के जन्म-मृत्यु प्रमाणपत्र काउंटर पर हंगामा शुरू हो गया.
सहायक सांख्यिकी अधिकारी राजेश कुमार काउंटर के अंदर थे, उसी दौरान पार्षदों ने उन्हें घेर लिया और उनसे कहा कि आपलोगों को क्यों परेशान कर रहे हैं? चार-चार माह से आवेदन को लंबित रखे हुए हैं. साथ ही गरीब आवेदकों से पैसे भी आप मांगते हैं. इस पर सांख्यिकी अधिकारी ने उन्हें समझाते हुए कहा कि मेरे ऊपर तीन-तीन प्रभार हैं, ऐसे में कार्यों को समय से संपादित करने में परेशानी हो रही है, तो पार्षदों ने कहा कि आप निगम का कार्य छोड़ दीजिए, तो इस पर सांख्यिकी अधिकारी राजेश कुमार ने कहा कि मैंने प्रभारमुक्त करने का पत्र नगर आयुक्त को लिख चुका हूं. वहीं, एक आवेदन दिखाते हुए पार्षद ने कहा कि जन्म प्रमाणपत्र के लिए यह आवेदन दिया गया था, जिस पर सहायक सांख्यिकी अधिकारी साहब ने मृतक का आधार कार्ड मांगा है. उस आवेदन को देखते ही सांख्यिकी अधिकारी ने कहा कि इस आवेदन में मुझसे जांच करने में गलती हो गयी थी, तो पार्षदों ने कहा कि जान-बूझ कर केवल पैसे लेने के लिए आवेदनों को लटकाया जा रहा है. मामले को आगे बढ़ता देख राजेश कुमार वहां से निकल गये, जिसके बाद वार्ड संख्या-15 के पार्षद आलोक कुमार ने सांख्यिकी अधिकारी पर 1500 रुपये घूस मांगने का भी आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि 28 अगस्त 2024 को मेरे वार्ड के एक व्यक्ति ने अपने पिता का मृत्यु प्रमाणपत्र बनाने के लिए आवेदन किया था. आवेदन के बाद वह कई बार निगम कार्यालय का चक्कर लगाकर थक गया, तो उसने कहा भईया आप बनावा दीजिए, हमसे लोग पैसा मांग रहे हैं. सांख्यिकी कार्यालय का एक कर्मचारी है, जिसने मुझसे 1500 रुपये की मांग की है. साथ ही यह भी कहा कि बिना पानी के तो शंख भी नहीं बजता है, तो प्रमाणपत्र कैसे बनेगा?400 से अधिक आवेदन लंबित
नगर निगम में फिलहाल 400 से अधिक जन्म-मृत्यु प्रमाणपत्र बनाने के आवेदन लंबित हैं. इस पर सहायक सांख्यिकी पदाधिकारी ने कहा कि ऑपरेटर आवेदनों को अपलोड करने में गलती कर रहा है, जिसकी वजह से कई परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. वहीं, पार्षदों ने कहा कि केवल पैसे लेने के लिए आवेदनों को लटकाया जा रहा है. आनेवाले बोर्ड की बैठक में इस मामले को उठाया जायेगा, क्योंकि निगम की जनता एक प्रमाणपत्र बनाने के लिए पहले प्रखंड कार्यालय, फिर निगम कार्यालय और उसके बाद अब सांख्यिकी कार्यालय बुलाया जा रहा है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है