14.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

25 से 30 फुट नीचे तक हो रहा बालू का अवैध खनन

बिहार की जीवनदायिनी सोन नदी बालू के अवैध व बेतरतीब खनन से कराह रही है. इसका अंदाजा हुरका से लेकर नासरीगंज तक सोन नदी के कई जगह नुकसान किये गये तटों से लगाया जा सकता है.

अकोढ़ीगोला. बिहार की जीवनदायिनी सोन नदी बालू के अवैध व बेतरतीब खनन से कराह रही है. इसका अंदाजा हुरका से लेकर नासरीगंज तक सोन नदी के कई जगह नुकसान किये गये तटों से लगाया जा सकता है. कहने को तो बालू व्यवसायियों से सोन नदी के बालू की खुदाई नीलाम पद्धति से करायी जाती है. लेकिन, देखने के बाद धरातल पर स्थिति बदहाल मालूम पड़ती है. नीलाम घाटों की संख्या से ज्यादा जगहों पर तय मानक से ज्यादा गड्ढे कर बालू की निकासी की जाती है. इससे सोन नदी के अस्तित्व पर खतरा मंडराने लगा है. दरिहट से नासरीगंज थाना क्षेत्र तक कई बालू घाटों में पोकलेन मशीन से करीब 25 से 30 फुट नीचे से बालू का अवैध खनन कर जानलेवा बना दिया गया है. कई जगह वैध की आड़ में अवैध बालू घाट चलवाया रहा है. वहीं, सरकारी रास्ते का इनके द्वारा जबरन व्यावसायिक प्रयोग भी किया जाता है.

जमींदोज हुए कई धार्मिक घाट

सोन नदी में बालू की खुदाई से कई धार्मिक स्थानों की क्षति हो रही है. जहां धार्मिक संस्कार होते है, वहां बालू की खुदाई के कारण वह घाट बर्बाद हो गया है. बेरकप, दरिहट, मझियाव, अमियावर, सबादला, नासरीगंज सोन नदी के घाट को नुकसान पहुंचाया गया है. इन घाटों पर स्थानीय लोगों द्वारा छठ, मकरसंक्रांति, कार्तिक पूर्णिमा व अन्य धार्मिक अवसरों पर स्नान, पूजा-पाठ किया जाता था. कई घाटों को स्थानीय लोगों ने श्रमदान से पूजा पाठ के लिए घाट का निर्माण किया गया है. इसे बालू घाट संचालक अवैध रूप से व्यवसायिक कार्य करने लगे. कई घाटों का नामोनिशान मिटा दिया गया. अब इन घाटों पर डर से लोग धार्मिक अनुष्ठान, स्नान और शवों के दाह संस्कार करने नहीं जाते.

औरंगाबाद के घाटदार रोहतास में कर रहे बालू खनन

बालू घाट संचालकों के लिए खनन विभाग के बनाये गये नियम फाइलों में सिमट कर रह गये हैं. यही कारण है कि नियमों को ताक पर रखकर सोन से बालू का अवैध खनन किया जा रहा है. वहीं, इंद्रपुरी बराज से लेकर कटार तक औरंगाबाद के बालू घाट संचालक रोहतास में आकर बालू खनन कर रहे हैं. जिससे सोन का सीना छलनी होते जा रहा है. औरंगाबाद के रोहतास क्षेत्र में प्रवेश कर बड़ी-बड़ी पोकलेन के सहारे बेतरतीब तरीके से सोन से अवैध बालू खनन कर रहे हैं. सीमांकन का तार तार कर रहे है. वहीं खनन विभाग व प्रशासन की चुप्पी पर कई प्रकार के सवाल उठने लगे हैं.

पूर्व से दागदार रहा है खनन विभाग : अवैध खनन को रोकने के लिए विशेष रूप से पदस्थापित खनन विभाग के अधिकारियों के दामन वर्षों से दागदार रहे हैं. आठ वर्ष पूर्व खनन इंस्पेक्टर समेत विभाग की कई अधिकारियों पर बालू घाट संचालकों से मधुर संबंध बना नियमों को तक पर रखकर बालू खानन व परिवहन के मामले में डालमियानगर थाना में प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी. जिले के कई ऐसे बालू घाट हैं, जहां नियमों को तक पर रखकर एनजीटी के नियमों का उल्लंघन कर बालू का खनन कराया जाता है. एक विभाग के अधिकारी ने नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया कि शायद ही कोई ऐसा बालू घाट है. जो एनजीटी के नियमों का पालन करता होगा, और नियमानुसार बालू खनन करता है. बालू घाट संचालक इस बात से बेफिक्र रहते हैं कि खनन विभाग के अधिकारी व स्थानीय थाना से अच्छे संबंध है. यहां ””””सईया भये कोतवाल अब डर काहे का, कहावत चरितार्थ होता है. यही नहीं, अवैध तरीके से खनन का विरोध करने वालों को घाट संचालक व खनन विभाग अपने निशाने पर भी लेते हैं. नासरीगंज, काराकाट व बिक्रमगंज में कई ऐसे उदाहरण भी मिले हैं.

कई संगठनों की शिकायत फाइलों में दबी

दशक वर्ष पूर्व सोन नद के घाट की स्थिति नदी के करीब थी. किंतु धीरे-धीरे सोन नदी से घाट की दूरी बढ़ती चली गयी, क्योंकि घाट संचालकों ने नदी के पानी को बांधकर पानी के धारा को बदल दिया. नदी के घाटों के नुकसान को लेकर स्थानीय लोग व गैर राजनीतिक संगठन के रवि रंजन कुमार, कौशलेंद्र कुमार आदि के द्वारा समय-समय पर लिखित शिकायत की गयी है. लेकिन करवाई सिर्फ दिखावा साबित हुआ. उनका कहना है कि सरकार चाहती है कि इन घाटों को संरक्षण मिले तो हर हाल में एक असरदार समिति का गठन करे और समिति में स्थानीय लोगो को स्थान मिले, जो पारदर्शी रूप से काम करे. इससे घाटों और नदी के तटों को सुरक्षा मिलेगा और तो अवैध खनन पे अंकुश लग सकती है. इस संबंध में अनुमंडलाधिकारी सूर्य प्रताप सिंह का कहना है कि नियमानुसार बालू खनन नहीं करने वाले घाट संचालकों पर कार्रवाई की जायेगी. वहां भी सूचना मिल रही है. खनन विभाग के साथ प्रशासन द्वारा कार्रवाई की जा रही है.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें