वायरल बुखार और टाइफाइड के बढ़ रहे मामले

मौसम बदल रहा है. इसका असर शहर के अस्पतालों में दिखने लगा है. सदर अस्पताल से लेकर प्राइवेट अस्पतालों में वायरल बुखार और टाइफाइड से पीड़ित मरीजों की संख्या पिछले 10 दिनों में बढ़ गयी है.

By Prabhat Khabar News Desk | August 26, 2024 9:29 PM

सासाराम नगर. मौसम बदल रहा है. इसका असर शहर के अस्पतालों में दिखने लगा है. सदर अस्पताल से लेकर प्राइवेट अस्पतालों में वायरल बुखार और टाइफाइड से पीड़ित मरीजों की संख्या पिछले 10 दिनों में बढ़ गयी है. बच्चे से लेकर बूढ़े तक इसकी चपेट में आ रहे हैं. पिछले माह सदर अस्पताल के पैथोलॉजी में 356 मरीजों की टाइफाइड जांच की गयी, जिनमें से 60 मरीजों में टाइफाइड पॉजिटिव पाया गया. मरीजों ने बताया कि कई बार बुखार इतना तेज आ रहा है कि कंपकंपी होने लग रही है. शहर क्षेत्र के ही एक घर में सभी परिवार वायरल बुखार से पीड़ित है. हालांकि, कुछ ने जांच करायी, तो उनमें टाइफाइड पाया गया. मरीज मनीष कुमार ने बताया कि पहले मेरे परिवार में मेरी भाभी को तेज बुखार आया था. उन्हें डॉक्टर से दिखाने गये, तो जांच की सलाह दी. जांच रिपोर्ट में टाइफाइड पॉजिटिव पाया गया. तत्काल डॉक्टर ने उनका इलाज शुरू किया. जब तक वह ठीक होती, मेरे परिवार की ही चाची को भी तेज बुखार आ गया. उनकी भी जांच कराने में टायफाइड पाया गया, जिनका इलाज चल रहा है. अब मुझे भी दो दिनों से तेज बुखार आ रहा है. मैंने जांच करायी, तो टायफाइड नहीं निकला. लेकिन, डॉक्टर ने बताया कि आपको वायरल बुखार है. अभी मेरे परिवार में टाइफाइड और वायरल बुखार से कुल पांच लोग पीड़ित हैं. सभी का इलाज चल रहा है. हालांकि, सरकारी आंकड़ों को देखें, तो पिछले माह में डेंगू का एक भी मरीज नहीं मिला है, जबकि 24 लोगों की जांच की गयी है. डेंगू के मरीजों का बहुत अधिक अभी नहीं मिलने की वजह लार्वीसाइट छिड़काव हो सकता है, क्योंकि मलेरिया विभाग और नगर निगम ने मिलकर शहरी क्षेत्र में लार्वीसाइट का छिड़काव संदिग्ध स्थानों पर कराया था और अब भी कराया जा रहा है. हालांकि, इधर लगातार हो रही बारिश से डेंगू के मरीज बढ़ने की आशंका जतायी जा रही है. शुद्ध पानी व स्वच्छ भोजन जरूरी डॉ धीरज कुमार का कहना है कि बारिश के मौसम में पेयजल का इस्तेमाल सीधे नहीं करना चाहिए. उबालकर ठंडा कर उसे पीना चाहिए, क्योंकि ग्राउंड वाटर में कई सारे बैक्टीरिया आते हैं, जो सीधे पानी पीने से आपको नुकसान पहुंचा सकते हैं. इसके अलावा बाहर खाना-खाने से बचना चाहिए. वहीं, शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ अशोक कुमार गुप्ता ने कहा कि मौसम में बदलाव होने की वजह से वायरल बुखार की चपेट में बच्चे अक्सर आ जाते हैं. ऐसे में लोगों को घबराना नहीं चाहिए. जल्द ही अपने नजदीकी अस्पताल में पहुंचकर डॉक्टर की सलाह लेकर इलाज शुरू कर देना चाहिए. जेनरल फिजिशियन डॉ विनय तिवारी कहते हैं कि अगर टायफाइड की चपेट में आप आ गये हैं, तो यह परिवार के दूसरे सदस्यों तक नहीं फैले, इसके लिए आप मास्क लगाकर घर पर रहें व बाहर जायें. साबुन और पानी से नियमित हाथ धोयें. शुद्ध पेयजल का इस्तेमाल करें. इधर, कंसल्टेंट फिजिशियन (एमडी) डॉ राघवेंद्र कुमार के मुताबिक, बारिश के मौसम में अक्सर दूषित पानी और खाना खाने से टायफाइड की चपेट में लोग आ जाते हैं. इस मौसम में बाहर का खाना खाने से परहेज करना चाहिए. अगर टायफाइड की चपेट में आप आ जाते हैं, तो तत्काल डॉक्टर से मिलकर इलाज शुरू कराएं.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

Next Article

Exit mobile version