भारत बंद का रहा मिला-जुला असर, नहीं चलीं लंबी दूरी की बसें
एससी/एसटी आरक्षण में वर्गीकरण पर सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिये गये फैसले के विरोध में बुधवार को विभिन्न दल व सामाजिक संगठनों ने भारत बंद के आह्वान के तहत जिला मुख्यालय सहित प्रखंड मुख्यालय तक विरोध प्रदर्शन किया.
सासाराम ग्रामीण. एससी/एसटी आरक्षण में वर्गीकरण पर सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिये गये फैसले के विरोध में बुधवार को विभिन्न दल व सामाजिक संगठनों ने भारत बंद के आह्वान के तहत जिला मुख्यालय सहित प्रखंड मुख्यालय तक विरोध प्रदर्शन किया. भारत बंद का मिला-जुला असर देखने को मिला. विभिन्न संगठनों के सैकड़ों कार्यकर्ता शहर के पोस्ट ऑफिस चौक व करगहर मोड़ सहित अन्य चौक-चौराहों को जाम कर करीब करीब चार घंटे तक बाजार बंद कराया व सड़क को जाम रखा. इसके कारण परिचालन बाधित रहा. इस दौरान बसपा, भीम आर्मी, कांग्रेस सहित अन्य संगठनों ने समर्थन दिया. भारत बंद के प्रदर्शन के कारण लंबी दूरी की बसें नहीं चलीं. हालांकि, ट्रेनों का परिचालन सामान्य रहा. सरकारी विद्यालय व कार्यालय खुले रहे, तो कई निजी विद्यालय बंद रहे. प्रदर्शन में मौजूद बसपा के प्रदेश महासचिव उदय प्रताप सिंह ने कहा कि आरक्षण के साथ छेड़छाड़ बर्दाश्त नहीं करेंगे, क्योंकि देश में जो पिछड़ा समाज के लोग इस फैसले से मर्माहत हैं. यदि यहीं रवैया रहा, तो आगे जबर्दस्त आंदोलन किया जायेगा. देश की यह दुर्दसा एनडीए के की साजिश से हो रही है. एनडीए की यह सोची समझी साजिश है. प्रदर्शन के समापन में बसपा के प्रदेश महासचिव ने एसडीएम को ज्ञापन सौंपा. मौके पर बसपा के जिलाध्यक्ष पवन कुमार, जिला प्रभारी, महेंद्र प्रसाद सिंह, महासचिव दीपनारायण गौतम, नथुनी पासवान, रामप्रकाश सिंह, कोषाध्यक्ष अजय राम, भुलन सिंह, कांग्रेस जिलाध्यक्ष कन्हैया सिंह, भीम आर्मी के अमीत पासवान सहित विभिन्न संगठनों के पदाधिकारी व सदस्य शामिल थे.
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