डीएओ के विरुद्ध उर्वरक विक्रेता संघ ने मोर्चा खोला, सीएम को लिखी चिट्ठी
संघ के अध्यक्ष कुमार ज्योति प्रकाश ने पत्र में डीएओ पर आरोप लगाया है कि जिले में करीब आठ सौ से अधिक खाद की दुकानें हैं. डीएओ कई दुकानों पर दबाव डालकर कमीशन सेट कर रहे हैं.
सासाराम ग्रामीण. मुख्यमंत्री जी डीएओ (जिला कृषि पदाधिकारी) साहब पर कुछ कीजिए, अब इनसे हम लोग तंग आ चुके हैं. आगामी धान की सीजन में हम लोग खाद नहीं बेचेंगे, क्योंकि जिले के खाद कारोबारियों से कमीशन की उगाही हो रही है. कमीशन नहीं देने पर दुकान का लाइसेंस रद्द हो रहा है. साथ ही संबंधित दुकानदारों पर प्राथमिकी भी दर्ज हो रही है. इसकी शिकायत खुदरा उर्वरक विक्रेता संघ ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, कृषि मंत्री व बिहार सरकार के प्रधान सचिव को पत्र भेज कर की है. संघ के अध्यक्ष कुमार ज्योति प्रकाश ने पत्र में डीएओ पर आरोप लगाया है कि जिले में करीब आठ सौ से अधिक खाद की दुकानें हैं. डीएओ कई दुकानों पर दबाव डालकर कमीशन सेट कर रहे हैं, जो दुकानदार कमीशन देने में सक्षम नहीं हो पा रहे हैं, वैसे दुकानों का डीएओ लाइसेंस रद्द कर दे रहे हैं. साथ ही एफपीसी 1985 जैसे गैरजमानतीय धारा का हवाला देते हुए केस करने की बातें करते हैं. फिलहाल, एक उदाहरण राजपुर के चंदन खाद भंडार का है. उस दुकानदार के साथ भी ऐसा ही कारनामा डीएओ के द्वारा किया गया है. उन्होंने कहा डीएओ द्वारा अपने पद का दुरुपयोग करते हुए खुदरा विक्रेताओं को प्रताड़ित किया जा रहा है. खुदरा विक्रेता तो बस अपने परिवार का जीविकोपार्जन के लिए मजबूरी बस उर्वरक का कारोबार कर रहे हैं. हम सभी की सुननेवाला कोई नहीं है. खुदरा व्यापारियों को परिवहन खर्च, मजदूरी खर्च, प्रतिष्ठान व गोदाम खर्च, पॉस मशीन का खर्च व जीएसटी सहित अन्य खर्च बहन करना पड़ता है. इन सभी बिंदुओं पर विचार करने के लिए पत्र लिखा गया है.
तीन दिन बाद भी नहीं मिल सकी गरमा मूंग के बीज की जानकारी
जिला कृषि कार्यालय के द्वारा तीन दिन बाद भी सब मिशन ऑन सीड्स एंड प्लांटिंग मैटेरियल’ योजना के तहत गरमा मूंग के बीज की जानकारी नहीं मिल सकी है. इसकी जानकारी डीएओ से विगत 11 अप्रैल को मांगी गयी थी. टालमटोल की नीति के कारण स्थिति स्पष्ट नहीं हो पा रही है. 16 क्विंटल गरमा मूंग का बीज कहां चला गया? जिले में खेती हुई या पेपर पर ही सिमट गयी. इसकी जानकारी तो जिला कृषि कार्यालय से नहीं मिला सकी है. डीएओ कुछ भी बोलने से परहेज कर रहे हैं. डीएओ ने डीपीआरओ से मांगने की बात कहीं थी. लेकिन, इसकी जानकारी डीपीआरओ भी नहीं दे सके. इस गोपनीयता से ऐसा प्रतीत हो रहा है कि गरमा मूंग के बीज वितरण में कुछ गड़बड़ी हुई. इस संबंध में जिला कृषि पदाधिकारी रामकुमार से बात करने का प्रयास किया गया] लेकिन उन्होंने फोन रिसीव नहीं किया. इसके बाद कृषि विभाग के पटना प्रमंडल के संयुक्त निदेशक संतोष कुमार उत्तम से बात हुई. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री के पास शिकायत पहुंचेगी, तो जांच का निर्देश प्राप्त होगा. जांच के दौरान जिला कृषि पदाधिकारी दोषी पाये जायेंगे तो कार्रवाई जरूर होगी.