दुष्कर्म से आहत पीड़िता के आत्मदाह मामले में दोषी को 10 साल की कैद
दुष्कर्म से आहत किशोरी के आत्मदाह करने मामले में गुरुवार को सजा के बिंदु पर सुनवाई करते हुए अपर सत्र न्यायाधीश छह सह विशेष न्यायाधीश पॉक्सो अधिनियम के न्यायालय ने दोषी को 10 साल के कठोर कारावास की सजा सुनायी.
सासाराम कोर्ट. दुष्कर्म से आहत किशोरी के आत्मदाह करने मामले में गुरुवार को सजा के बिंदु पर सुनवाई करते हुए अपर सत्र न्यायाधीश छह सह विशेष न्यायाधीश पॉक्सो अधिनियम के न्यायालय ने मामले में दोषी पाये अगरेर थाना क्षेत्र के सेमरा गांव निवासी बिट्टू साह को 10 साल के कठोर कारावास के साथ ही 21 हजार रुपये जुर्माने से दंडित किया है. यह घटना दो जुलाई 2016 को हुई थी. अगरेर थाना क्षेत्र में बिट्टू साह ने एक 14 वर्षीया किशोरी के साथ दुष्कर्म किया था. दुष्कर्म से आहत किशोरी ने आत्मदाह कर लिया था. उस समय इसकी प्राथमिकी पीड़िता की मां ने अगरेर थाने में दर्ज करायी थी. इस संबंध में अभियोजन पक्ष की अधिवक्ता विशेष लोक अभियोजक जनकराज किशोरी ने बताया कि घटना दो जुलाई 2016 को अगरेर थाना क्षेत्र में हुई थी. अभियुक्त बिट्टू साह ने रात करीब एक बजे किशोरी के घर में घुसकर उसके साथ दुष्कर्म की घटना को अंजाम दिया था. इससे आहत किशोरी ने घटना के तुरंत बाद शरीर में आग लगाकर आत्मदाह कर लिया था. इस मामले में कुल छह लोगों की गवाही न्यायालय में दर्ज करायी गयी थी. उनकी गवाही के बाद न्यायालय ने अभियुक्त बिट्टू साह को भारतीय दंड विधान की धारा 305 एवं 448 में दोषी पाते हुए 10 साल के कठोर कारावास के साथ 21 हजार रुपये बतौर जुर्माने की सजा सुनायी है.
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