संस्मरण : मशाल जुलूस से हुआ परिचय, विधानसभा में जाने से और हो गया था प्रगाढ़

47 वर्षों का साथ आज छूट गया. मैं बहुत दुखी हूं. वह मुझे भाजपा का हनुमान कहते थे. वह हनुमान से बिछड़ गये. ये बातें मंगलवार को पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी के निधन से दुखी सासाराम के पूर्व विधायक सह भाजपा नेता जवाहर प्रसाद ने कहीं.

By Prabhat Khabar News Desk | May 14, 2024 9:33 PM

अनुराग शरण, सासाराम कार्यालय. 47 वर्षों का साथ आज छूट गया. मैं बहुत दुखी हूं. वह मुझे भाजपा का हनुमान कहते थे. वह हनुमान से बिछड़ गये. ये बातें मंगलवार को पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी के निधन से दुखी सासाराम के पूर्व विधायक सह भाजपा नेता जवाहर प्रसाद ने कहीं. उन्होंने कहा- मेरा उनसे 47 वर्षों का रिश्ता था. 1977 में सुशील जी अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के मशाल जुलूस में शामिल होने सासाराम आये थे. वह मशाल लेकर सबसे आगे चल रहे थे. उस समय मैं उनके साथ था. उसी समय पहला परिचय हुआ है. फिर, जब मैं पहली बार 1990 में विधायक चुना गया और विधानसभा पहुंचा, तो यह पहला परिचय प्रगाढ़ हो गया और समय के साथ और प्रगाढ़ होता गया. जब मैं विधानसभा में जय श्रीराम का उद्घोष किया था, उस समय सुशील मोदी ने ही मुझे भाजपा का हनुमान नाम दिया था. वैसे वह मुझे जवाहर जी कह कर पुकारते थे. जेहन पर जोर डालते हुए जवाहर प्रसाद ने बताया कि चारा घोटाले के खुलासे के दौरान विधानसभा में हमलोग जब चारा चोर, खजाना चोर, लालू प्रसाद गद्दी छोड़ो का नारा लगा रहे थे, तब लालू प्रसाद के समर्थकों ने सुशील मोदी पर हमला कर दिया था. उनकी बांह मरोड़ दी थी. उस समय मैं, प्रेम कुमार जी, रामाधार जी उनके बचाव में उतरे थे. खींचतान में मेरा कुर्ता फट गया था. लेकिन, हम लोग उन्हें बचाकर निकाल लिये थे. विधानसभा हो या उसके बाहर सुशील जी का विशेष ध्यान मेरे पर रहता था. वर्ष और तारीख तो याद नहीं है, पर जब मैं विधानसभा में वर्तमान सरकार के रवैये से क्षुब्ध होकर फांसी लगाने लगा था, तब सुशील जी ने विधानसभा में मेरे लिए हंगामा खड़ा कर दिया था. वह मुझे छोटा भाई समझते थे और विधानसभा में मेरा हमेशा मार्गदर्शन करते रहते थे. हमारे प्रत्येक चुनाव में सासाराम में वह रोड शो करने आते थे. आज मेरे बड़े नहीं रहे. अंतिम दर्शन के लिए पटना आया हूं. मैं अपना दुख कैसे प्रकट करूं, समझ में नहीं आ रहा है.

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