मूंग की खेती से किसानों का रुझान हो रहा खत्म

रबी फसल कटने के बाद किसान अपने-अपने खेतों में मूंग की फसल लगाने के लिए बेताब रहते थे. मगर पिछले कुछ वर्षों से किसानों का रुझान मूंग की खेती से धीरे-धीरे हटता चला गया और अब क्षेत्र में सिर्फ 10% ही खेतों में मूंग की फसल नजर आ रही है.

By Prabhat Khabar News Desk | June 8, 2024 10:46 PM
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अकबरपुर. रबी फसल कटने के बाद किसान अपने-अपने खेतों में मूंग की फसल लगाने के लिए बेताब रहते थे. मगर पिछले कुछ वर्षों से किसानों का रुझान मूंग की खेती से धीरे-धीरे हटता चला गया और अब क्षेत्र में सिर्फ 10% ही खेतों में मूंग की फसल नजर आ रही है. आत्मा अध्यक्ष सुरेंद्र सिंह ने कहा कि मूंग की फसल जेठ के महीने में तैयार होती थी और इससे दो फायदा हुआ करते थे. एक तो दलहन की दिक्कत दूर हो जाती थी, और दूसरा महंगे दरों में मूंग को किसान बेच भी लिया करते थे, जिससे उन्हें आगे की खेती जैसे धान का बीज और खाद खरीदने में काफी सहायता मिलती थी. मगर पिछले कुछ वर्षों से मूंग की खेती करने में दो वजह पेश हो रही है- पहली यह कि बिन मौसम बरसात और दूसरी यह कि फसल तैयार होने पर उसे तोड़ने वाले मजदूर नहीं मिल पा रहे हैं. जो मूंग तोड़ने वाले मिल भी रहें हैं, तो तुड़ाई आधा मांग रहे हैं. ऐसे में किसान अब वही फसल लगा रहे हैं, जो अपने से सब कर ले.

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