भगवान शिव को देख बेहोश हो गयीं सास मैना
चवरिया गांव में चल रहे मां काली प्राणप्रतिष्ठा यज्ञ के छठे दिन कथावाचक बिहारी बाबा ने शिव-पार्वती विवाह का मार्मिक प्रसंग सुनाया. शिव विवाह प्रसंग सुन श्रद्धालु नारी-पुरुष भावविभोर हो गये.
सूर्यपुरा. चवरिया गांव में चल रहे मां काली प्राणप्रतिष्ठा यज्ञ के छठे दिन कथावाचक बिहारी बाबा ने शिव-पार्वती विवाह का मार्मिक प्रसंग सुनाया. शिव विवाह प्रसंग सुन श्रद्धालु नारी-पुरुष भावविभोर हो गये. कथा में व्यास जी ने कहा कि पर्वतराज हिमालय की घोर तपस्या के बाद माता जगदंबा प्रकट हुईं और उन्हें बेटी के रूप में उनके घर में अवतरित होने का वरदान दिया. इसके बाद माता पार्वती हिमालय के घर अवतरित हुईं. बेटी के बड़ी होने पर पर्वतराज को उनकी शादी की चिंता सताने लगी. कहा कि माता पार्वती बचपन से ही बाबा भोलेनाथ की अनन्य भक्त थीं. एक दिन पर्वतराज के घर महर्षि नारद पधारे और उन्होंने भगवान भोलेनाथ के साथ पार्वती के विवाह का संयोग बताया. उन्होंने कहा कि नंदी पर सवार भोलेनाथ जब भूत-पिशाचों के साथ बारात लेकर पहुंचे, तो उसे देखकर पर्वतराज और उनके परिजन अचंभित हो गये. इधर, बरात के स्वागत के लिए महिलाएं आरती की थाली लेकर आयीं और भगवान शिव की सास मैना अपने दामाद की आरती उतारने दरवाजे पर पहुंची. पर क्या हुआ, जब भगवान शिव के सामने मैना पहुंची, तो शिवजी का रूप देखकर चकरा गयी. उस पर शिवजी ने अपनी और लीला दिखानी शुरू कर दी. लेकिन माता पार्वती खुशी से भोलेनाथ को पति के रूप में स्वीकार कर लीं. आयोजनकर्ता राजू कुमार, राज कुमार सहित सभी ग्रामीण कार्यकर्ता थे.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है