सात या आठ जुलाई से होगा मुहर्रम
इस्लामिक कैलेंडर के अनुसार साल का पहला महीना है मुहर्रम
इस्लामिक कैलेंडर के अनुसार साल का पहला महीना है मुहर्रम सासाराम ऑफिस. इस्लामिक कैलेंडर का पहला महीना मुहर्रम आगामी सात या आठ जुलाई से शुरू होगा. जानकारों की मानें, तो सात जुलाई को चांद रात होगा. वहीं 17 जुलाई को आशूरा (मुहर्रम की दस तारीख) होगा. इसे बकरीद के 20 दिनों के बाद मनाया जायेगा. जानकारों की मानें, तो इस्लामी कैलेंडर में 12 महीने होते हैं, जिसमें से चार सबसे पवित्र माने जाते हैं. इनमें जुल- कादा, जुल-हिज्जा, मुहर्रम और चौथा रजब का नाम शामिल हैं. इन माह को अल्लाह की दया और कृपा पाने के लिए सबसे उचित माना जाता है. मुहर्रम के महीने को लेकर शिया और सुन्नी समुदाय दोनों की मान्यताएं अलग-अलग हैं. जहां शिया समुदाय के लोग मजलिस (इमाम हुसैन की शहादत का जिक्र) करते हैं और जुलूस निकाल मातम मनाते हैं, तो सुन्नी समुदाय के कुछ लोग नौ व 10 या 10 व 11 मुहर्रम को रोजा रखते हैं. हालांकि, इस महीने मुसलमानों के लिए रोजा रखना फर्ज नहीं होता है. सुन्नत (पुण्य) के तौर पर मुस्लिम ये रोजा रख सकते हैं. साथ ही घरों में फातिहाखानी करते हैं. कुरानखानी कराते हैं. लंगर (खिचड़ा समेत अन्य खाने योग्य सामग्री) को लोगों के बीच बांटते हैं. जगह-जगह शरबत बांटते हैं. साथ ही अन्य इबादत कर ज्यादा-से-ज्यादा सवाब कमाने की कोशिश करते हैं. जिले में मुहर्रम को लेकर अकीदतमंदों ने तैयारी शुरू कर दी है. चांद रात से इमाम चौक पर होगा फातिहा मरकजी मुहर्रम कमेटी ने बताया कि शहर में चांद रात से इमाम चौकों पर फातिहा नियाज आदि का कार्यक्रम शुरू होगा, जो आशूरा तक चलेगा. वहीं दो, चार, पांच मुहर्रम को शहर में मिट्टी का जुलूस रात में निकलेगा. सात व आठ मुहर्रम को विभिन्न जगहों पर नाल साहेब की स्थापना व दर्शन रात में होगा. नौ मुहर्रम को दिन में छोटी चौकी का जुलूस व रात में रोशनी व नाल साहेब का दर्शन होगा. 10 मुहर्रम को दिन में बड़ी चौकी का जुलूस व रात में ताजियों का दर्शन तथा 11 मोहर्रम को दिन में पहलाम का जुलूस निकलेगा, जो रात तक चलेगा. साफ-सफाई सहित अन्य की मांगें रखीं मरकजी मुहर्रम कमेटी ने जिला प्रशासन व पुलिस प्रशासन को पत्र सौंप विभिन्न मांगें की हैं. कमेटी के महासचिव अखलाक अहमद रिजवी ने बताया कि मुहर्रम का त्योहार सात जुलाई से 18 जुलाई तक अपनी परंपरा के अनुसार मनाया जायेगा. त्योहार के सफल व शांतिपूर्ण माहौल में संपन्न कराने के लिए जिला पदाधिकारी को पत्र सौंपा गया है. उन्होंने बताया कि मांग की गयी है कि उक्त तिथि तक ईदगाह से करबला तक जाने वाले मार्ग की सफाई व प्रतिदिन झाड़ू लगाने का प्रबंध करने, सभी इमाम चौक के आसपास व जुलूस के निर्धारित मार्गों में विशेष रूप से सफाई का प्रबंध करने, नाले-नालियों की सफाई कर सड़कों व गलियों से जलजमाव को दूर करने का प्रबंध करने, टूटी-फूटी सड़कों व पुलियों की मरम्मत तथा स्लैब और पटियां आदि लगाने का प्रबंध करने, बस्ती मोड़ से करबला तथा बांध रोड से करबला व नगर में दूसरे विभिन्न स्थानों पर लगे चापाकलों की साधारण व विशेष मरम्मत का प्रबंध करने, टैंकरों द्वारा मीठे पानी की व्यवस्था करने का प्रबंध करने, नगर के विभिन्न स्थानों समेत नगर में विशेष कर इमाम चौक और उसके आसपास व जुलूस के मार्गों में स्ट्रीट खंभों पर एलइडी लाइटों को लगाने व बंद पड़ी लाइटों की मरम्मत का प्रबंध करने, प्राथमिक चिकित्सा शिविर का प्रबंध कराने, जुलूस के दिनों में मुकम्मल शराब बंदी को सख्ती से लागू कराने व शराबियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने का प्रबंध करने, त्योहार के अवसर पर गड़बड़ी पैदा करने वाले तत्वों व अफवाह फैलाने वालों को चिह्नित कर उनके विरुद्ध उचित कार्रवाई करने का प्रबंध करने समेत 19 अन्य मांगें की गयी हैं.
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