28.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

2009 के लोकसभा चुनाव के बाद बदली परिस्थिति ने रोका था मुंडेश्वरी-आरा रेललाइन प्रोजेक्ट

वर्ष 2008 में केंद्र में यूपीए वन की सरकार थी. उस समय बतौर रेलमंत्री के रूप में लालू प्रसाद यादव व सासाराम लोकसभा क्षेत्र की निवर्तमान सांसद मीरा कुमार ने कैमूर जिले के मोहनिया में मुंडेश्वरी-आरा रेललाइन का शिलान्यास किया था.

रमेश कुमार पांडेय, कोचस.

वर्ष 2008 में केंद्र में यूपीए वन की सरकार थी. उस समय बतौर रेलमंत्री के रूप में लालू प्रसाद यादव व सासाराम लोकसभा क्षेत्र की निवर्तमान सांसद मीरा कुमार ने कैमूर जिले के मोहनिया में मुंडेश्वरी-आरा रेललाइन का शिलान्यास किया था. लेकिन, शिलान्यास के दूसरे वर्ष 2009 में आम चुनाव हुआ. केंद्र में फिर यूपीए की ही सरकार बनी. इसमें मीरा कुमार लोकसभा की स्पीकर बनीं. लेकिन, लालू प्रसाद यादव दोबारा रेल मंत्री नहीं रह सके. बदली राजनीतिक स्थिति ने मुंडेश्वरी-आरा रेललाइन की किस्मत को भी बदल दिया. आलम यह कि राजनीतिक गलियारों में अब इस प्रोजेक्ट की बात नहीं होती, पर वह दिन जनता को याद है. लोग अफसोस करते हैं और एक उम्मीद अब भी लगाये बैठे हैं कि एक न एक दिन यह प्रोजेक्ट पूरा होगा. उन्हें उम्मीद इसलिए है कि शिलान्यास के बाद शुरुआती दिनों में रेललाइन निर्माण के लिए आरा-मोहनिया राष्ट्रीय राजमार्ग 319 से दक्षिण सर्वे व मापी कर पत्थर गाड़ कर रेलवे स्टेशनों की पहचान की गयी थी. इसमें मुख्य रूप से भभुआ रोड, परसथुआ, कोचस, दिनारा, मलियाबाग, जगदीशपुर होते हुए आरा के समीप डीडीयू-पटना रेलखंड से जोड़ा जाना था. इस दौरान रेलवे के अधिकारियों ने इसे सीमित समय में पूरा करने की बात भी कही थी.

14 वर्ष बाद सांसद ने उठाया सवाल, पर नहीं शुरू हो सका काम

मुंडेश्वरी-आरा नयी रेललाइन बनने का सपना अब तक पूरा नहीं हो सका है. इससे लोगों की उम्मीदें बनती-टूटती दिख रही हैं. 2008 के बाद से करीब 14 वर्षों के अंतराल पर वर्ष 2022-23 के बजट सत्र में सासाराम लोकसभा क्षेत्र के सांसद छेदी पासवान ने इस रेलखंड के निर्माण का मुद्दा उठाया था. लेकिन, मामला कुछ भी आगे नहीं बढ़ा और अब तो सासाराम लोकसभा क्षेत्र का राजनीतिक दृश्य ही बदलने जा रहा है. तत्कालीन सांसद मीरा कुमार मैदान छोड़ चुकी हैं, तो छेदी पासवान भी लगभग किनारा हो चुके हैं. नये चेहरे मैदान में हैं. इनके मुद्दे में यह रेललाइन नहीं है, जबकि, इस रेललाइन के निर्माण की राह रोहतास व कैमूर के सैकड़ों गांवों के लोग अभी भी देख रहे हैं. इस रेललाइन के बनने से कैमूर, रोहतास, बक्सर व भोजपुर जुड़ेगा, तो कैमूर मुख्यालय भभुआ से सीधे लोग कम समय में राज्य की राजधानी पटना का सफर तय कर सकेंगे.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें