मजदूरी कराने के नाम पर दूसरे राज्य में ले गये नौ बच्चों का एक साल से अता-पता नहीं
थाना क्षेत्र के चिकसील बाल गांव से नौ बच्चों को एक साल पहले मजदूरी कराने को लेकर दूसरे प्रदेश में बहला-फुसला कर ले जाया गया. लेकिन, एक साल बाद भी उनका कहीं अता-पता नहीं चल पा रहा है.
काराकाट. थाना क्षेत्र के चिकसील बाल गांव से नौ बच्चों को एक साल पहले मजदूरी कराने को लेकर दूसरे प्रदेश में बहला-फुसला कर ले जाया गया. लेकिन, एक साल बाद भी उनका कहीं अता-पता नहीं चल पा रहा है. इसके बाद परिजनों ने थाने में अपहरण का मामला दर्ज कराया है. चिकसील बाल गांव निवासी जयराम, पिता सुसु राम ने बताया कि भोजपुर जिले के आयर थाना क्षेत्र के गांव बरनावां निवासी विमल राम मुसहर, पिता विश्वनाथ राम के अलावा दिनेश यादव भोजपुर जिले के अगियांव थाना क्षेत्र के जमुआंव (सरथुआ) निवासी चिकसील बाल पहुंच कर मजदूरी कराने के लिए नौ बच्चों को अपने साथ ले गया. दोनों अनजान व्यक्ति थे, लेकिन उन लोगों के विश्वास पर मजदूरी करने के लिए नौ बच्चों को भेज दिया. बताया गया कि नौ बच्चों में सरोज कुमार (16) पिता जयराम, बुला मुसहर (22) पिता भरथ राम, शंकर राम (22) पिता भरथ राम, धनजी राम (12) पिता चवनी राम, दसई राम (11) पिता गांधी मुसहर, सन्नी मुसहर (12) पिता त्रिभुवन मुसहर, किशोरी मुसहर (12) पिता दिनेश मुसहर, मोटक मुसहर (12) पिता दिनेश मुसहर, सुनर मुसहर (11) पिता स्व. अदल मुसहर शामिल हैं. सभी को एक साथ मजदूरी कराने दूसरे प्रदेश में एक साल पूर्व ले जाया गया. लेकिन, एक साल गुजर गया, तो परिजन अपने बच्चों को खोजने लगे. इसके बाद न ले जाने वाले व्यक्ति का कहीं पता चल रहा है, न ही नौ युवकों का. जयराम ने लिखित बयान में बताया है कि आशंका है कि नौ बच्चों को मजदूरी के नाम पर ले जाकर किडनी निकाल कर बेच दिया और शव को ठिकाने लगा दिया गया है. पुलिस से नौ अपहृत बच्चों को खोजने की गुहार परिजनों ने लगायी है. गौरतलब है कि काराकाट थाना क्षेत्र के चिकसील पंचायत का चिकसील बाल ऐसा एक बस्ती है, जहां सिर्फ महादलित परिवार रहते हैं. थानाध्यक्ष फूलदेव चौधरी ने बताया कि आवेदन मिला है, जांच की जा रही है.
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