अस्पतालों में ठप रही ओपीडी सेवा, इमरजेंसी में दिखे डॉक्टर

कोलकाता में महिला डॉक्टर के साथ हुई घटना का असर अब जिले में भी दिखने लगा है. शनिवार को पूरे जिले में ओपीडी सेवा ठप रही. सरकारी अस्पतालों के चिकित्सकों के साथ-साथ प्राइवेट प्रैक्टिस करनेवाले डॉक्टरों ने भी ओपीडी में मरीजों का इलाज नहीं किया.

By Prabhat Khabar News Desk | August 17, 2024 9:58 PM

सासाराम नगर. कोलकाता में महिला डॉक्टर के साथ हुई घटना का असर अब जिले में भी दिखने लगा है. शनिवार को पूरे जिले में ओपीडी सेवा ठप रही. सरकारी अस्पतालों के चिकित्सकों के साथ-साथ प्राइवेट प्रैक्टिस करनेवाले डॉक्टरों ने भी ओपीडी में मरीजों का इलाज नहीं किया. हालांकि, इस दौरान आपतकालीन सेवाएं जारी रहीं. सदर के ट्राॅमा सेंटर में ड्यूटी रोस्टर के अनुसार डॉक्टर अपनी ड्यूटी दे रहे हैं. नारायण मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में भी डॉक्टरों ने विरोध में ओपीडी कार्य का बहिष्कार कर जमकर नारेबाजी की. जिले में आइएमए और भाषा के संयुक्त आह्वान पर सरकारी के साथ-साथ प्राइवेट अस्पतालों में भी ओपीडी नहीं हुआ. इसको लेकर आइएमए के जिला सचिव डॉ अमित कुमार ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर बताया कि डॉक्टरों की सुरक्षा के लिए सरकार से सख्त कानून की मांग की गयी है. उन्होंने कहा कि यह हड़ताल रविवार सुबह छह बजे तक रहेगा. इसके बाद अगर आइएमए और भाषा से जो निर्देश आयेगा, उसके अनुसार डॉक्टर कार्य करेंगे.

रौजा रोड में पसरा रहा सन्नाटा

सदर अस्पताल से सटे रौजा रोड में पूरे दिन सन्नाटा पसरा रहा. इसी सड़क के दोनों किनारे शहर में प्राइवेट प्रैक्टिस करने वाले डॉक्टरों के प्राइवेट क्लिनिक हैं. अक्सर इस सड़क पर सुबह 10 बजे से मरीजों की भीड़ लग जाती है. हालांकि, शनिवार को प्राइवेट प्रैक्टिस बंद होने से इस रोड में सन्नाटा पसरा रहा. वहीं, सदर अस्पताल की बात करें, तो यहां पर प्रतिदिन एक हजार से अधिक मरीजों का ओपीडी होता था.

डॉक्टरों ने की घटना की निंदा

आइएमए के जिलाध्यक्ष डॉ सचिन कुमार ने कहा कि यह हृदय विदारक घटना है. इसमें संलिप्त सभी अभियुक्तों को जल्द से जल्द गिरफ्तार कर फांसी की सजा देनी चाहिए. ऐसी घटना पर सरकारों की चुप्पी स्वस्थ लोकतंत्र के लिए घातक है. सदर अस्पताल के कार्यकारी अधीक्षक डॉ पुष्कर ने कहा कि अस्पताल परिसर में डॉक्टरों की सुरक्षा के लिए सरकार को पुख्ता इंतजाम करना होगा. आये दिन सरकारी अस्पतालों में मरीजों की संख्या बढ़ रही है, जिससे अक्सर डॉक्टरों के साथ-साथ मरीज उलझ जाते हैं. कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में महिला डॉक्टर के साथ दुष्कर्म कर हत्या कर दी गयी और उसका साक्ष्य मिटाने का भी कार्य किया गया, जिससे यह प्रतीत होता है कि डॉक्टर सुरक्षित नहीं हैं. शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ अशोक कुमार गुप्ता ने कहा कि जब तक इस घटना में संलिप्त गुनहगारों की गिरफ्तारी नहीं होगी, तब तक पूरे देश के डॉक्टर अपना विरोध जताते रहेंगे. ऐसी घटना किसी भी समाज में हो सकती है. इसलिए सरकार को कड़ा एक्शन लेना होगा, ताकि आगे ऐसी हरकत करने से पहले हजार बार लोग सोचे.

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