इंद्र हुए मेहरबान, तो 85% तक पहुंची जिले में धान की रोपनी

जिले में तीन दिनों से बारिश के कारण हुए सुहाने मौसम ने किसानों के चेहरे पर खुशी ला दी है. जो किसान पानी के इंतजार में खेती कार्य के बजाय खाली बैठे थे, वे दो दिनों से खेती के कार्य में जोर-शोर से जुट गये हैं.

By Prabhat Khabar News Desk | August 4, 2024 9:33 PM

सासाराम ग्रामीण. जिले में तीन दिनों से बारिश के कारण हुए सुहाने मौसम ने किसानों के चेहरे पर खुशी ला दी है. जो किसान पानी के इंतजार में खेती कार्य के बजाय खाली बैठे थे, वे दो दिनों से खेती के कार्य में जोर-शोर से जुट गये हैं. कोई ट्रैक्टर लेकर खेतों की ओर चल पड़ा, तो कोई सूख रहे बिचड़े का हाल देखने पहुंचा. इस सुहाने मौसम के कारण जिले में धान रोपनी की रफ्तार तेज हो गयी है. जिले में धान रोपनी का लक्ष्य 206101.42 हेक्टेयर निर्धारित है. उसके अनुपात में 172862.59 हेक्टेयर में धान की रोपनी हो गयी है. यानी लक्ष्य के अनुपात में 85 फीसदी है. मौसम के बेरुखी मिजाज के कारण 18 दिन पहले 15 जुलाई तक जिले में लक्ष्य के अनुपात महज तीन फीसदी धान की रोपनी हो सकी थी. लेकिन, इंद्र की मेहरबानी के कारण जिले में रोपनी की रफ्तार तेज हो गयी है और प्रतिशत 85 तक पहुंच गयी. इससे किसानों के चेहरे खिल उठे हैं. किसानों के मुताबिक, यदि बारिश नहीं होती, तो धान का उत्पादन प्रभावित हो सकता था.

नासरीगंज में सबसे कम हुई रोपनी

नासरीगंज प्रखंड धान की रोपनी में सबसे पीछे चल रहा है. इस प्रखंड में कुल धान रोपनी का लक्ष्य 6882 हेक्टेयर निर्धारित है. लेकिन, इसके अनुपात 3972.29 हेक्टेयर यानी 57.72 फीसदी रोपनी हुई है. कारण यह है कि नासरीगंज का इलाका भले ही नहर से सिंचित हो, लेकिन तपती गर्मी के कारण किसान खेती में रुचि नहीं ले रहे थे. इस संबंध में डीएओ राम कुमार ने कहा कि सावन की फुहारों से मौसम में काफी बदलाव हुआ है. यह मौसम कृषि के लिए वरदान साबित हो रहा है. जिले में ठप पड़े रोपनी के कार्य की रफ्तार बारिश होने से तेज हो गयी है. यदि मौसम दो-तीन दिन ऐसा रहा, तो जिले में लक्ष्य के शत प्रतिशत रोपनी का कार्य पूरा हो जायेगा और धान का उत्पादन भी अच्छा होगा.

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