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आधे सफर में ही दम तोड़ रही सामुदायिक भवन बनाने की योजना

ले के दलित व महादलित टोलों में सामुदायिक भवन सह वर्कशेड बनाने की योजना अपने निर्धारित लक्ष्य के आधे सफर में ही दम तोड़ रहा है. इससे सैकड़ों महादलित टोलों के परिवार अब तक कई तरह की सुविधाओं से वंचित हैं.

सासाराम सदर. जिले के दलित व महादलित टोलों में सामुदायिक भवन सह वर्कशेड बनाने की योजना अपने निर्धारित लक्ष्य के आधे सफर में ही दम तोड़ रहा है. इससे सैकड़ों महादलित टोलों के परिवार अब तक कई तरह की सुविधाओं से वंचित हैं. गौरतलब है कि महादलित लोगों को समाज की मुख्यधारा से जोड़ने और विभिन्न प्रकार की सुविधा बहाल करने को लेकर सरकार की ओर से कई कल्याणकारी योजनाएं चलायी जा रही है. इनमें से एक है सामुदायिक भवन सह वर्क शेड निर्माण योजना, जिसके तहत महादलित टोलों में सामुदायिक भवन का निर्माण कर यहां के लोगों के लिए किसी भी तरह की सामूहिक, सार्वजनिक कार्यक्रम का आयोजन करने सहित लाइब्रेरी, बिजली, उठने-बैठने की उत्तम व्यवस्था आदि विशेष सुविधा बहाल करना है. ताकि, महादलित परिवार के लोग समाज की मुख्यधारा से जुड़ सके और उन्हें बेहतर करने के लिए सुविधाएं मिल सके. लेकिन, जिले में महादलित टोलों में सामुदायिक भवन बनाने की योजना कागजों पर अधिक और धरातल पर कम दिख रही है. जिससे जिले के सैकड़ों महादलित टोले के लोग सामुदायिक भवन के लाभ से वंचित है.

जानकारी के अनुसार, जिला प्रशासन की ओर से सामुदायिक भवन सह वर्कशेड का निर्माण कराने के लिए जिले के कुल 477 महादलित टोलों को चिन्हित किया गया था. जिसमें से अब तक मात्र 194 महादलित टोलों में ही सामुदायिक भवन सह वर्कशेड का निर्माण किया गया है. जबकि, शेष महादलित टोला अब तक सामुदायिक भवन से अछूता है. इस तरह से सामुदायिक भवन निर्माण को लेकर चिन्हित व निर्धारित की गयी लक्ष्य के विरूद्ध आधे से भी कम महादलित टोलों में सामुदायिक भवन बना. फिर भी जिला प्रशासन सामुदायिक भवन निर्माण को लेकर गर्व से छाती फुला रहा है. इस संबंध में जिला कल्याण पदाधिकारी ने बताया कि 477 दलित एवं महादलित टोले ऐसे हैं, जहां सौ से अधिक परिवार रहते हैं वहां की जनसंख्या पांच सौ से अधिक है. इसमें से 194 टोलों में सामुदायिक भवन का निर्माण किया जा चुका है. शेष के लिए अग्रेतर कार्य किया जा रहा है.

283 महादलित टोलाें में अब तक सामुदायिक भवन की दरकार

जिला प्रशासन की ओर चिन्हित जिले के 283 महादलित टोला ऐसे है, जहां जिला कल्याण विभाग को सामुदायिक भवन का निर्माण कर यहां पर विभिन्न प्रकार का सुविधा बहाल करना है. लेकिन, विभाग अब तक उक्त संख्या में महादलित टोलों में सामुदायिक भवन बनाने का काम पूरा नहीं किया गया है. जिससे उक्त महादलित टोला के लोगों को अब तक सामुदायिक भवन निर्माण का दरकार है. हालांकि, विभाग की ओर से दावा किया जा रहा है शेष बचे महादलित टोला में भी सामुदायिक भवन निर्माण कार्य कराने की लगभग प्रक्रिया पूरी कर ली गयी है.

क्या है योजना

जिला कल्याण विभाग के अनुसार, महादलित बस्तियों में रहने वाले लोगों को समाज की मुख्यधारा से जोड़ने को लेकर यह योजना संचालित है. इस योजना के तहत जहां सौ से अधिक दलित व महादलित परिवार रहते हो व जहां की जनसंख्या पांच सौ से अधिक है. ऐसे महादलित बस्ती (टोला) में चिह्नित कर वहां सामुदायिक भवन सह वर्कशेड का निर्माण कराना है, ताकि महादलित परिवार के लोग हर मौसम में विशेष अवसरों पर इस भवन का प्रयोग कर यहां उपलब्ध सुविधाओं का लाभ ले सके.

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