करगहर. प्रखंड क्षेत्र के 51 सरकारी स्कूलों में मरम्मत के नाम पर 1.92 करोड़ रुपये की राशि की बंदरबांट करने का मामला प्रकाश में आया है. जूनियर इंजीनियर ने वेंडरों के साथ मिलकर राशि की निकासी कर ली है. इनमें कई स्कूल ऐसे भी हैं, जहां काम भी नही लगा है, लेकिन राशि की निकासी कर ली गयी है. अधिकतर स्कूलों में मरम्मत के नाम पर खानापूर्ति की गयी है. इतनी बड़ी रकम को मरम्मत के नाम पर खर्च कर दिया गया. लेकिन, विभागीय अधिकारियों ने इसकी सुध तक लेना उचित नहीं समझा. भले ही स्थानीय स्तर पर अधिकारी मौन हैं. लेकिन, इस मामले की शिकायत जिले के वरिष्ठ अधिकारियों से लेकर विभाग के सचिव तक पहुंच चुकी है. लोगों की मानें, तो तकनीकी टीम द्वारा मरम्मत कार्य की जांच किये बगैर बिल को पास कर दिया गया. स्कूल के भवनों की मरम्मत के लिए आवंटित राशि का 50 प्रतिशत भी खर्च नहीं किया गया. अगर 50 प्रतिशत की राशि भी खर्च कर दी जाती, तो स्कूल के भवन, शौचालय और किचन शेड का स्वरूप बदला हुआ नजर आता. लेकिन, करोड़ों खर्च करने के बाद भी स्कूलों की स्थिति बदहाल है. काम के नाम पर बस लीपापोती की गयी है. पेयजल की व्यवस्था में भी सुधार नहीं किया गया है. इस संबंध में बीइओ ने कहा कि मरम्मत के लिए जिन स्कूलों का चयन किया गया है, अब तक सभी स्कूलों में काम पूरा नही हुआ है. जहां कार्य हुआ है और मानक के अनुकूल नहीं है, तो वहां के संबंधित दोषी व्यक्तियों के विरुद्ध कार्रवाई की जायेगी.
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सरकारी स्कूलों में मरम्मत के नाम पर 1.92 करोड़ की हुई बंदरबांट
प्रखंड क्षेत्र के 51 सरकारी स्कूलों में मरम्मत के नाम पर 1.92 करोड़ रुपये की राशि की बंदरबांट करने का मामला प्रकाश में आया है. जूनियर इंजीनियर ने वेंडरों के साथ मिलकर राशि की निकासी कर ली है.
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