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प्रस्वीकृति प्राप्त नहीं की, तो निजी स्कूल होंगे बंद

जिले में पांच से आठ सौ तक निजी स्कूल संचालित हैं, जिनमें से मात्र 316 स्कूल ही प्रस्वीकृति प्राप्त हैं. ऐसे में प्रस्वीकृति प्राप्त नहीं करने वाले स्कूल बंद हो जायेंगे. अगर फिर भी संचालित होते हैं, तो उन्हें एक लाख रुपये तक का जुर्माना देना पड़ सकता है.

सासाराम ऑफिस. जिले में पांच से आठ सौ तक निजी स्कूल संचालित हैं, जिनमें से मात्र 316 स्कूल ही प्रस्वीकृति प्राप्त हैं. ऐसे में प्रस्वीकृति प्राप्त नहीं करने वाले स्कूल बंद हो जायेंगे. अगर फिर भी संचालित होते हैं, तो उन्हें एक लाख रुपये तक का जुर्माना देना पड़ सकता है. जिला शिक्षा पदाधिकारी (डीइओ) मदन राय ने बताया कि बच्चों के मुफ्त एवं अनिवार्य शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009, जो एक अप्रैल 2010 से प्रभावी व तदालोक में अधिसूचित बिहार राज्य बच्चों के मुफ्त एवं अनिवार्य शिक्षा नियमावली 2011 के तहत निजी स्कूलों के प्रस्वीकृति का प्रावधान है. बच्चों की मुफ्त एवं अनिवार्य शिक्षा अधिनियम 2009 की धारा 18 में यह प्रावधान है कि कोई भी स्कूल, जो निर्धारित मानक धारित करता हो, सक्षम प्राधिकार से प्रस्वीकृति का प्रमाणपत्र प्राप्त किये बिना स्थापित नहीं कर सकेगा या संचालित नहीं करेगा. ऐसे में उक्त प्रावधान के तहत जिले में संचालित सभी निजी स्कूलों को प्रस्वीकृति प्राप्त करना होगा.

10 अगस्त तक कर सकते हैं प्रस्वीकृति प्राप्त :

डीइओ ने बताया कि जिले में संचालित सभी निजी स्कूलों को प्रस्वीकृति प्राप्त करने के लिए आखिरी मौका शिक्षा विभाग ने दिया है. स्कूल प्रस्वीकृति प्राप्त करने के लिए आगामी 10 अगस्त तक इ-संबंधन पोर्टल पर आवेदन करना सुनिश्चित करेंगे. निर्धारित अवधि के बावजूद अगर किसी स्कूल के द्वारा प्रस्वीकृति के लिए पोर्टल पर आवेदन नहीं किया जाता है, तो आरटीइ एक्ट 2009 व बिहार राज्य बच्चों की मुफ्त एवं अनिवार्य शिक्षा नियमावली 2011 के सुसंगत नियमों के तहत कार्रवाई होगी.

एक लाख तक का लग सकता है जुर्माना :

डीइओ ने बताया कि निदेशक प्राथमिक शिक्षा के पत्र के आलोक में जो स्कूल प्रस्वीकृति के लिए जारी निर्धारित समय अवधि में प्रस्वीकृति नहीं प्राप्त करते हैं, तो ऐसी स्थिति में अधिनियम की धारा 18 (5) एवं 19 (5) के अंतर्गत दोषी व्यक्ति या संस्था पर एक लाख रुपये तक का जुर्माना किया जा सकता है या निर्धारित तिथि के बाद भी स्कूल संचालित रहने पर प्रत्येक दिन के लिए 10 हजार रुपये तक का जुर्माना किया जा सकता है. इसके लिए जिले में औचक निरीक्षण किया जायेगा. निरीक्षण के दौरान उनके कागजातों की जांच की जायेगी. जांच में पता चलता है कि उक्त स्कूल ने प्रस्वीकृति नहीं प्राप्त की है तो उक्त स्कूल स्कूल पर उक्त कार्रवाई की जायेगी.

एसोसिएशन के साथ की जायेगी बैठक :

डीइओ ने बताया कि इसको लेकर जिले में संचालित निजी स्कूलों के संगठनों व संघों के नोडल पदाधिकारी के साथ बैठक की जायेगी. उनके माध्यम से स्कूलों को प्रस्वीकृति प्राप्त करने के लिए जागरूक भी किया जायेगा.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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