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Rohtas : डॉक्टर की पिटाई मामले में बड़ा एक्शन, एएसआइ को थाने से हटाया

Rohtas: संझौली में पुलिस पर डॉक्टर की पिटाई का आरोप लगने के बाद रोहतास एसपी ने कार्रवाई करते हुए एएसआई का थाने से तबादला कर दिया है. एसपी ने पूरे मामले की जांच के बाद सख्त कार्रवाई की बात कही है.

By Ashish Jha | June 24, 2024 7:05 AM

Rohtas: संझौली/सासाराम. डॉक्टर गौरव कुमार अभिषेक व उनके पिता डॉ अजय कुमार की पिटाई के मामले में आरोपित एएसआइ शिवम कुमार को एसपी ने संझौली थाने से हटा दिया है. हालांकि, एएसआइ को किस थाने में भेजा गया है, इसकी जानकारी नहीं दी गयी है. लेकिन, अनुसंधान में कोई बाधा नहीं आये, इसके लिए एसपी ने यह कार्रवाई की है. इधर, एनएमसीएच पटना में इलाजरत डॉ गौरव कुमार अभिषेक के बयान पर पटना के आलमगंज थाने की पुलिस ने 23 जून को कांड संख्या 274/ 24 दर्ज की है.

रुपये मांगने और पिटाई करने जैसे कई गंभीर आरोप

दर्ज प्राथमिकी में गौरव कुमार अभिषेक ने एएसआइ शिवम कुमार, संझौली निवासी अन्नु कुमार व मनीष कुमार पर मारपीट करने और शिवम कुमार पर क्लिनिक चलाने के एवज में 20 हजार रुपये मांगने, थाने में जाने पर अपने पिता डॉ अजय कुमार के पॉकेट से 20 हजार रुपये निकालने, थाने में बुरी तरह पिटाई करने का आरोप लगाया है. इधर, एएसआइ शिवम कुमार ने घटना के दिन ही अपने ही थाने में कांड संख्या 111/24 दर्ज कराया है, जिसमें उन्होंने डॉ गौरव कुमार अभिषेक व उनके पिता डॉ अजय कुमार पर मारपीट करने, जान मारने व झूठे केस में फंसाने की धमकी देने की बात कही है. गौरतलब है कि 22 जून की शाम तक संझौली थाने की प्रभारी थानाध्यक्ष अनीता राज ने किसी तरह की प्राथमिकी दर्ज नहीं होने की बात कही थी, जबकि प्राथमिकी 21 जून की रात में दर्ज हो चुकी थी. यह रवैया पुलिस की कार्यशैली को दर्शाता है.

एएसआइ शिवम की एफआइआर और एसपी के बयान में विरोधाभास

घटना के करीब 27 घंटे के बाद 22 जून की रात करीब 10.57 बजे एसपी विनीत का बयान सोशल मीडिया पर आया कि संझौली थाना क्षेत्र में कल शाम एक पुलिस पदाधिकारी और स्थानीय व्यक्ति के बीच हुए निजी विवाद की घटना में दोनों ओर से विरोधाभासी प्रकरण सामने लाया गया है. अंचल निरीक्षक बिक्रमगंज के द्वारा सूचना मिलते ही वाकया का स्वयं जायजा लिया गया. इस संबंध में अब तक निजी स्थानीय व्यक्ति का आवेदन अप्राप्त है. घटना की जांच निष्पक्ष और वरीय स्तर पर कराये जाने के प्रति जिला पुलिस प्रतिबद्ध है.

हर पक्ष की बात सुनी जायेगी : एसपी

एसपी ने कहा कि हरेक पहलू और हर एक पक्ष को सुना जायेगा. यह स्पष्ट किया जाना जरूरी है कि उक्त पुलिस पदाधिकारी सादे लिबास में निजी कार्य के सिलसिले में बाजार गये हुए थे. जांच की निष्पक्षता को सुनिश्चित करने के लिए उक्त पुलिस पदाधिकारी को संबंधित थाने से पृथक कर अन्य स्थल पर योगदान कराया गया है. इस बयान में एसपी कहते हैं कि एएसआइ शिवम कुमार निजी कार्य के सिलसिले में बाजार गये थे, जबकि इससे उलट एएसआइ शिवम कुमार दर्ज प्राथमिकी में कहते हैं कि वरीय अधिकारी के आदेश पर नीट परीक्षा को लेकर छात्रों में जो आक्रोश था, उस पर नजर बनाये रखने के लिए मैं बाजार गया था. इसी क्रम में बाजार से लौटने के दौरान शिवमंगल ट्राॅमा सेंटर के सामने यह घटना हुई.

राज्य आइएमए ने डीजीपी को लिखा पत्र

इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आइएमए) बिहार स्टेट ने संझौली के डॉ गौरव कुमार अभिषेक कांड को लेकर रविवार को पुलिस महानिदेशक को पत्र लिखा है. इसमें आरोपित एएसआइ शिवम कुमार को तत्काल गिरफ्तार करते हुए सेवा से बर्खास्त करने की मांग की गयी है. आइएमए के अध्यक्ष डॉ एएन राय, वरीय उपाध्यक्ष डॉ सुनील कुमार, संयोजक एक्शन कमेटी डॉ अजय कुमार और अवैतनिक राज्य सचिव डॉ संतोष कुमार सिंह द्वारा हस्ताक्षरित पत्र में कहा गया है कि जिनके ऊपर रक्षा का भार है, वह खुद अपराध कर रहे हैं. चिकित्सकों की सुरक्षा के प्रति गंभीर होकर सरकार ने एक विशेष कानून पारित किया है. इस घटना से पूरे राज्य के चिकित्सकों में रोष व्याप्त हो गया है. और कार्रवाई नहीं होने पर राज्य की स्वास्थ्य व्यवस्था ठप भी हो सकती है.

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डॉक्टरों ने जताया विरोध, काला बिल्ला लगा करेंगे काम

संझौली में डॉ गौरव कुमार अभिषेक व उनके पिता की पुलिस द्वारा पिटाई कर बुरी तरह जख्मी करने के मामले का आइएमए जिला इकाई ने विरोध जताया. रविवार को आइएमए के प्रतिनिधिमंडल ने अपर समाहर्ता चंद्रशेखर प्रसाद से मिल कर जिलाधिकारी को प्रेषित ज्ञापन सौंपा. जिला सचिव डॉ रवि रंजन ने कहा कि इस कांड के विरोध में सोमवार से सभी डॉक्टर्स काला बिल्ला लगा कार्य करेंगे. जब तक जब तक आरोपित एएसआइ शिवम कुमार को निलंबित नहीं किया जाता है, तब तक एसोसिएशन शांत नहीं बैठेगा. अगर सात दिनों के अंदर आरोपित एएसआइ को निलंबित नहीं किया गया, तो राज्य स्तरीय हड़ताल करने को हम बाध्य हो जायेंगे. उन्होंने कहा कि एसपी की कार्रवाई नाकाफी है. पहली कार्रवाई निलंबन की होनी चाहिए थी. मौके पर पूर्व सीएस डॉ केएन तिवारी, डॉ अमित कुमार, डॉ श्री भगवान सिंह, डॉ मंटू सिंह, डॉ इम्तियाज अहमद आदि थे.

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