सासाराम नगर. राज्य ने कई कार्यक्रमों के तहत सरकारी अस्पतालों को सुदृढ़ करने में अहम भूमिका निभायी है, जिसका असर अब दिख रहा है. सरकारी अस्पताल अब अपने लक्ष्य को पूरा कर रहे हैं. हालांकि, कुछ अस्पतालों में अब भी सुधार की जरूरत है. लेकिन, अमूमन जिले के सभी सरकारी अस्पतालों ने ओपीडी के निर्धारित वार्षिक लक्ष्य को 50 प्रतिशत से अधिक पूरा करने में सफलता हासिल की है. इन सबके बीच सदर अस्पताल ओपीडी के लक्ष्य से अधिक करनेवाला अस्पताल बन गया है. इस अस्पताल के लिए ओपीडी का 4.36 लाख लक्ष्य निर्धारित किया गया था. लेकिन, यह अस्पताल फरवरी में ही अपने लक्ष्य के पास पहुंच गया. फरवरी तक आये आंकड़ों के अनुसार, सदर अस्पताल में चार लाख लोगों ने ओपीडी में अपना इलाज कराया है. वहीं, अगर केवल एक माह फरवरी की बात करें, तो 41249 लोग ओपीडी में पहुंचे, जो मासिक लक्ष्य का 113.5 प्रतिशत है. वित्तीय वर्ष 2023-24 में ओपीडी करने में सबसे फिसड्डी अकोढ़ीगोला प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र रहा है. इस केंद्र को 1.46 लाख ओपीडी करने का लक्ष्य दिया गया था. लेकिन, 76735 लोगों का ही ओपीडी में इलाज हो पाया, जो लक्ष्य का 57.2 प्रतिशत रहा. इसके बाद करगहर प्रखंड के स्वास्थ्य केंद्र हैं, जो लक्ष्य के 57.3 प्रतिशत ओपीडी कर पाये हैं. चेनारी के स्वास्थ्य केंद्र का प्रदर्शन बेहतर रहा. यह केंद्र अपने लक्ष्य 1.60 लाख ओपीडी के करीब रहा. इस केंद्र ने कुल 94.2 प्रतिशत ओपीडी किया है.
12 डॉक्टरों ने 200 से कम किया ओपीडी
जिले के 12 डॉक्टर ऐसे भी हैं, जिन्होंने 200 से कम ओपीडी किया है. फरवरी में आयी रिपोर्ट के अनुसार, काराकाट एपीएचसी (गोड़ारी) के आयुष चिकित्सक डॉ राजेश कुमार ने सबसे कम 60 ओपीडी किया है. वहीं, अनुमंडल अस्पताल डेहरी के नये नियुक्त होनेवाले एमबीबीएस डॉ रविकांत कुमार ने 53 ओपीडी किया है. एपीएचसी गोड़ारी की ही एमबीबीएस डॉक्टर कुमारी प्रियंका का ओपीडी भी 200 से कम है. उन्होंने फरवरी माह में महज 131 ओपीडी किया है. वहीं, नासरीगंज प्रखंड के जीना मनउली एपीएचसी के एमबीबीएस डॉक्टर कृष्ण चांद ने 194 ओपीडी किया है, जो महज छह ओपीडी कम होने से इस सूची में शामिल हो गये हैं. नौहट्टा के दंत चिकित्सक अमित कुमार पांडेय ने जनवरी में 133 और फरवरी में 192 ओपीडी किया है.