सासाराम नगर. चिलचिलाती धूप अब लोगों को परेशान करने लगी है. जिले में तापमान प्रत्येक दिन बढ़ रहा है. गुरुवार को जिले का अधिकतम तापमान 41 डिग्री तक पहुंच गया. इसके साथ ही 25 किमी की अधिक रफ्तार से चल रही पछुआ हवा लू का रूप धारण कर लिया है. ये दोनों मिलकर लोगों को झुलसाने लगे है, जिससे लोग दोपहर में घरों से निकलने से परहेज कर रहे हैं. इसको लेकर जिला प्रशासन अलर्ट है. लेकिन, अगलगी की घटनाएं चिंता बढ़ा रही हैं. लगातार खेतों में लगती आग से किसान परेशान हैं, तो दोपहर में शहर में खरीदारी करने आनेवाले कारोबारी और सफर कर रहे यात्रियों को बोलतबंद पानी से अपनी प्यास बुझानी पड़ रही है और जो गरीब हैं, उनकी हलक सूख रही है. क्योंकि, नगर निगम ने अबतक प्रमुख स्थानों पर प्याऊ की व्यवस्था नहीं की है. प्रत्येक वर्ष निगम शहर के बस स्टैंड, बौलिया मोड़, सागर समेत आठ से नौ स्थानों पर प्याऊ की व्यवस्था करता है. लेकिन, इस बार अबतक प्याऊ की व्यवस्था नहीं की गयी है. स्वास्थ्य विभाग अलर्ट भीषण गर्मी से आम जनजीवन पर व्यापक असर देखा जा रहा है. अत्यधिक गरमी के कारण उत्पन्न हीट वेव से आम लोगों को स्वास्थ्य संबंधी गंभीर चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है. खासकर, छोटे बच्चे, बुजुर्ग, गर्भवती व धात्री महिलाओं के साथ घर से बाहर जाने वाले लोगों को भी स्वास्थ्य संबंधी दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है. इसको लेकर जिला स्वास्थ्य विभाग अलर्ट है. किसी भी परिस्थिति से निबटने के लिए समुचित तैयारी का निर्देश दिया गया है. जारी दिशा-निर्देश के अनुसार, सभी प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी को अपने संस्थान में सभी जरूरी दवाओं का पर्याप्त स्टॉक उपलब्ध रखने को भी कहा गया है. सिविल सर्जन ने कहा कि गरमी को देखते हुए सासाराम सदर अस्पताल में ही हीट वेब से पीड़ित लोगों के लिए अलग से वार्ड बनाया गया है. अनुमंडल में भी स्पेशल वार्ड बनाने के लिए निर्देश दिया गया है. सभी स्पेशल वार्ड एयर कंडीशन युक्त बनाये गये हैं. क्योंकि, हीट वेव से पीड़ित लोगों के शरीर के तापमान को सबसे पहले कम करना होता है. लोगों को दी जा रही सलाह सिविल सर्जन डॉ केएन तिवारी ने लोगों से अपील की है कि गरमी को देखते हुए खुद को बचाने का प्रयास करें. इसके लिए बाहर निकलते समय सिर पर गमछा जरूर रखें और अनावश्यक घर से बाहर नहीं निकलें. लू से बचने के लिए अधिक-से-अधिक तरल पदार्थ का इस्तेमाल करें. लू लगने के लक्षण दिखने पर, तुरंत ओआरएस का घोल का इस्तेमाल करें और शरीर को ठंडा करने का प्रयास करें. अधिक परेशानी होने पर अपने नजदीकी सरकारी अस्पताल में संपर्क करें. क्योंकि, सभी सरकारी अस्पतालों में लू से बचाव के लिए विशेष इंतजाम किये गये हैं. चमकी बुखार को लेकर अलर्ट जारी बढ़ती गरमी के साथ चमकी बुखार को लेकर भी अलर्ट जारी किया गया है. वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी जयप्रकाश गौतम ने बताया कि जिले में चमकी बुखार का कोई प्रभाव नहीं है. बावजूद इसके राज स्वास्थ्य समिति की ओर से जारी दिशा-निर्देश पर सभी सावधानियां बरती जा रही हैं. उन्होंने बताया कि इस बीमारी से निबटने के लिए जिलास्तर पर सभी डॉक्टर को प्रशिक्षण प्रदान कर दिये गये हैं. चमकी बुखार के लक्षण बताते हुए उन्होंने कहा कि चमकी बुखार छोटे से लेकर 15 वर्ष तक के बच्चों को ज्यादा प्रभावित करता है. इसमें बच्चों को लगातार तेज बुखार बना रहता है. बदन में ऐंठन के साथ-साथ बच्चा अपने दांत पर दांत चढ़ाये रहता है. कमजोरी की वजह से बच्चा बार-बार बेहोश हो जाता है. शरीर में कंपन के साथ-साथ बार-बार झटके लगते हैं.
झुलसाने लगी गरमी, पारा 41 डिग्री पार
झुलसाने लगी गरमी, पारा 41 डिग्री पार
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