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दो युवकों की मौत से दहल उठा सोनी मठिया गांव

सड़क दुर्घटना में मंगलवार की अहले सुबह दो युवकों की मौत व एक किशोर के घायल होने की खबर पहुंचते ही सोनी मठिया गांव के लोग दहल उठे. चारों ओर हाहाकार मच गया.

संझौली. सड़क दुर्घटना में मंगलवार की अहले सुबह दो युवकों की मौत व एक किशोर के घायल होने की खबर पहुंचते ही सोनी मठिया गांव के लोग दहल उठे. चारों ओर हाहाकार मच गया. जो जिस तरह था, सड़क ओर दौड़ पड़ा. युवकों के शव देख सभी हतप्रभ थे. वहीं गांव के कुछ लोग जख्मी प्रिंस को लेकर बिक्रमगंज की ओर दौड़ पड़े. उसे अस्पताल में भर्ती कराया. इधर, घटना से आक्रोशित ग्रामीणों ने सड़क जाम कर प्रदर्शन शुरू कर दिया. प्रदर्शन समाप्त हुआ, तो ग्रामीण गांव लौटे. गांव का माहौल ऐसा था कि किसी के मुंह से बोल नहीं फूट रहा था. मृतक दीपक के घर और सत्येंद्र की नानी के घर से निकलने वाली महिलाओं का क्रंदन लोगों की आंखों से आंसू निकाल दे रहा था. कोई पुरुष कुछ बोल नहीं रहा था. सभी अंदर ही अंदर रो रहे थे. पूरे गांव में मातम पसरा रहा. गांव के घरों में पूरे दिन चूल्हे नहीं जले. दीपक गांव का होनहार लड़का था, तो सत्येंद्र बचपन से नानी घर रह कर जवान हुआ था.

फिटनेस की परीक्षा पास कर पहननेवाले थे वर्दी

दोनों ने एसएससी जीडी की लिखित परीक्षा पास की थी और बस फिटनेस की परीक्षा पास कर वर्दी पहनने वाले थे. दीपक दो भाइयों में छोटा था. बड़े भाई विकास कुमार भारतीय रेलवे में नौकरी करते हैं. दीपक के पिता का सपना था कि दोनों भाई नौकरी करने लगेंगे, तो घर-परिवार की स्थिति सुधर जायेगी. लेकिन, विधाता को कुछ और ही मंजूर था. वहीं, सत्येंद्र अपने चार भाइयों में दूसरे नंबर पर था. पकड़ी (राजपुर) गांव निवासी जयराम सिंह का बेटा सत्येंद्र कुमार उर्फ बजरंगी बचपन से अपने नाना मुनि सिंह के घर रहता था. तैयारी करते हुए वह कुछ माह पहले बिजली विभाग में मानव बल का काम छोड़ कर वर्तमान में चोलामंडलम कंपनी में काम कर रहा था. सड़क दुर्घटना में जख्मी 12 वर्षीय प्रिंस कुमार पिता रविंद्र सिंह आठवीं वर्ग का छात्र है. यह गंगाजल मठ मध्य विद्यालय में पढ़ता है. प्रिंस के पिता मजदूरी कर बेटे को पढ़ाते हैं. प्रिंस के चाचा राम बिहारी सिंह ने बताया कि प्रिंस बिक्रमगंज के एक निजी अस्पताल में जिंदगी और मौत से जूझ रहा है.

गांव में नहीं जले चूल्हे

सोनी मठिया गांव के घरों में माताएं जीवित्पुत्रिका व्रत की तैयारी में लगी थीं. तभी घटना की सूचना मिली. घर में चूल्हे नहीं जले. पोस्टमार्टम के बाद युवकों के शव गांव में पहुंचे, तो एक बार फिर परिजनों के चीत्कार से गांव का सन्नाटा टूट गया. घटना की सूचना मिलते ही आसपास के गांवों के ग्रामीण, रिश्तेदार, सामाजिक कार्यकर्ता व नेता सोनी मठिया गांव आने लगे. वे पीड़ित परिवारों को सांत्वना देते रहे. सांत्वना देने वालों में पूर्व प्रखंड प्रमुख जगनारायण सिंह, जदयू प्रखंड अध्यक्ष अनिल कुमार, राज किशोर सिंह, पूर्व बीडीसी रवींद्र सिंह, सामाजिक कार्यकर्ता जगदेव सिंह, इंजीनियर प्रभात कुमार आदि थे. करगहर में गत दिन इसी तरह मॉर्निंग वाक कर रही एक महिला को वाहन ने ठोकर मार दी थी, जिससे उनकी मौत हो गयी थी. सासाराम शहर में इस तरह के कई हादसे हो चुके हैं. इसके बावजूद बड़ी संख्या में लोग स्टेट हाइवे या अन्य सड़कों पर मॉर्निंग वाक करते हैं या फिर दौड़ते हैं. यह खतरे से खाली नहीं है. लोगों को सुरक्षित खुले स्थानों पर ही इस तरह का अभ्यास या मॉर्निंग वाक करना चाहिए.

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