सासाराम (रोहतास) : शहर को सासाराम-चौसा पथ से जोड़ने वाला एक मात्र तकिया रेलवे ब्रिज कभी भी ध्वस्त हो सकता है. एक तो पूर्व से ही इस पुल की स्थिति कई जगहों पर जर्जर है और अब एक नयी मुसीबत भी आ गयी है. तीन दिन पूर्व टोल प्लाजा से ओवरलोडेड बालू लदे ट्रकों को पार कराने पर लगे प्रतिबंध के बाद अब ट्रक चालकों ने भी अपना रूट बदल लिया है. ट्रक मालिक डेहरी में विभिन्न जगहों से बालू लोड कर अपने ट्रकों को शहर में पहुंचा रहे हैं, जहां से इंट्री माफियाओं के लोकेशन के सहारे सासाराम-चौसा पथ से उत्तर प्रदेश तक वाहन पहुंचाये जा रहे हैं. इस पथ पर बालू लदे ट्रकों का परिचालन बढ़ जाने से अब तकिया ब्रिज पर भी खतरा मंडराने लगा है. वहीं, सासाराम-चौसा पथ पर ओवरलोड वाहनों के महज तीन दिनों के परिचालन में ही कई जगहों पर गड्ढे उभर गये हैं.
मालूम हो कि कैमूर के कर्मनाशा नदी पुल के क्षतिग्रस्त होने के बाद प्रशासन ने एनएच-दो पर ओवरलोडेड बालू लदे वाहनों के परिचालन पर प्रतिबंध लगा दिया है. हालांकि प्रतिबंध लगाने के बाद भी कुछ लोकल बालू लदे ट्रकों को टोल प्लाजा के रास्ते ही पार कराया जा रहा है. लेकिन, लगभग ट्रकें अपना रूट बदल कर सासाराम-चौसा पथ के रास्ते बालू की ढुलाई कर रहे हैं.
जिले में बालू घाटों में भी खनन पर प्रतिबंध लगाया गया है. ऐसे में कुछ लाइसेंसधारी डंपिंग ठेकेदारों की आड़ में अवैध रूप से डंप किये गये बालू का भी तेजी से उठाव हो रहा है. बालू लोडिंग के बाद ट्रक चालक इंट्री माफियाओं के लोकेशन के हिसाब से सुअरा व कुम्हउ मोड़ के रास्ते शहर में प्रवेश करते हैं और शहर के एक मात्र तकिया रेलवे ब्रिज के रास्ते सासाराम-चौसा पथ से होकर उत्तर प्रदेश के लिए निकल जाते हैं.
इधर सासाराम-चौसा पथ पर ओवरलोडेड बालू लदे वाहनों के परिचालन से तकिया, मुरादाबाद, करगहर समेत भीड़-भाड़ वाले बाजारों में जाम की समस्या उत्पन्न हो रही है. फिलहाल लॉकडाउन होने के कारण स्थिति भयवाह तो नहीं हो रही है, लेकिन आस-पास के लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.
posted by ashish jha