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बाइक पर सूखा पेड़ गिरने से किशोर की मौत, दो घायल

नगर के डेहरी-बिक्रमगंज मुख्य मार्ग से रेलवे स्टेशन जाने वाले रास्ते पर पुराना सूखा पेड़ एक बाइक पर गिर गया. इसकी चपेट में आने से बाइक चालक एक किशोर की मौत हो गयी, जबकि बाइक पर बैठे अन्य दो किशोरों को भी गंभीर चोटें आयीं.

By Prabhat Khabar News Desk | July 10, 2024 10:18 PM

बिक्रमगंज. नगर के डेहरी-बिक्रमगंज मुख्य मार्ग से रेलवे स्टेशन जाने वाले रास्ते पर पुराना सूखा पेड़ एक बाइक पर गिर गया. इसकी चपेट में आने से बाइक चालक एक किशोर की मौत हो गयी, जबकि बाइक पर बैठे अन्य दो किशोरों को भी गंभीर चोटें आयीं. घायल किशोरों का इलाज नगर के एक निजी अस्पताल में किया जा रहा है. घटना के संबंध में मिली जानकारी के अनुसार, बुधवार की सुबह 11 बजे बिक्रमगंज रेलवे स्टेशन (पश्चिम साइड) के रास्ते एक बाइक पर तीन किशोर सवार को आ रहे थे. इसी बीच रास्ते पर स्थित एक पुराना सूखा जामुन का पेड़ गिर गया. पेड़ सीधे बाइक पर ही गिर गया, जिसकी चपेट में बाइक पर सवार तीनों युवक आ गये. इसमें बाइक चालक काराकाट थाना क्षेत्र के चौगाई गांव निवासी संजय सिंह के 16 वर्षीय पुत्र कृष्णा कुमार की इलाज के दौरान मौत हो गयी. वहीं के पप्पू यादव के 16 वर्षीय पुत्र रवि रंजन कुमार और रुनु यादव के 15 वर्षीय पुत्र अंकित कुमार को भी गंभीर चोटें आयीं. घायल दोनों किशोरों का इलाज नगर के ही एक निजी अस्पताल में जारी है.

पेड़ को काटने की अनुमति दी थी : वन विभाग

इस संबंध में थानाध्यक्ष ललन कुमार ने बताया कि मृत किशोर के शव को पोस्टमार्टम के लिए सासाराम भेजा गया है. वहां से आने के बाद शव परिजनों को सौंप दिया जायेगा. इस संबंध में वन के रेंज पदाधिकारी रूपम कुमार सिंह ने बताया कि पेड़ जहां स्थित था, वह स्थल एनएचएआइ के अंडर में है, लेकिन वहीं से रेलवे स्टेशन की ओर रास्ता जाता है. इसकी जवाबदेह दोनों विभाग हैं, क्योंकि हमने एनएचएआइ को पेड़ काटने की अनुमति प्रदान कर दी है. उन्होंने यह भी कहा कि सड़क के सटे कई और पेड़ भी हैं, जो काफी खतरनाक हैं. लेकिन, पता नहीं एनएचएआइ उसे क्यों नहीं हटवाता. हालांकि, इस संबंध में एनएचएआइ के अधिकारियों से कोई संपर्क नहीं हो सका, ताकि उनका भी पक्ष रखा जाये. घटनास्थल पर मौजूद कौशल कुमार सिंह ने बताया कि बगल में भी एक पेड़ बीच से दरक गया है. वह भी ऐसे ही किसी घटना को आमंत्रण दे रहा है, लेकिन यह किसी अधिकारी को नहीं दिखता. अगर आम अवाम इसको लेकर कोई आंदोलन करे या अधिकारियों के साथ बदसलूकी करे, तो बात का बतंगड़ हो जायेगी. लेकिन आखिर क्यों घटना का इंतजार किया जाता है, इसकी जवाबदेही लेने वाला कोई नहीं है.

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