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संविधान एक पोथी नहीं, बल्कि हम इसे रामायण-गीता की तरह पूजते हैं : प्राचार्य

मेरा संविधान, मेरा अभिमान विषय पर अवधूत भगवान राम कॉलेज में हुआ संगोष्ठी का आयोजन

सासाराम ऑफिस. भारत के लोकतंत्र को मजबूती देने में हमारे देश के संविधान की बहुत बड़ी भूमिका रही है. संविधान महज एक पोथी नहीं है, बल्कि हम इसको रामायण-गीता की तरह पूजते हैं. ये बातें अवधूत भगवान राम कॉलेज के प्राचार्य डॉ विनोद कुमार सिंह ने 76वें गणतंत्र दिवस के अवसर पर कॉलेज के सेमिनार कक्ष में मेरा संविधान, मेरा अभिमान विषय पर आयोजित संगोष्ठी में कहीं. उन्होंने कहा कि 26 जनवरी, 1950 को भारतीय संविधान लागू हुआ, ताकि भारतीय जन भारत के लिए भारत के मन से सरकार चलाये. स्वाधीनता संग्राम में बलिदान देने वाले नायक देश के कोने-कोने से आये थे. वह हर पथ और जाति के थे और देश के प्रति उनका लगाव उन्हें बांधे हुए था. उनके सपनों का भारत एक समग्र रचना है. मुख्य अतिथि के रूप में कॉलेज परामर्शदात्री समिति के अध्यक्ष सह रोहतास विधिक संघ के पूर्व अध्यक्ष राममूर्ति सिंह अधिवक्ता ने कहा कि दुनिया के ज्यादातर देशों के पास अपना संविधान है. संविधान कई उद्देश्यों को पूर्ति करता है. संविधान ही बताता है कि हमारे समाज का मूलभूत स्वरूप क्या है? कॉलेज शासी निकाय के सचिव प्रो सुरेंद्र सिंह ने कहा कि देश के भीतर आमतौर पर कई समुदाय रहते हैं. उनके बीच कई बातें समान होती हैं. लेकिन जरूरी नहीं है कि वह सारे मुद्दे पर एक दूसरे से सहमत हों. समाजसेवी शंकर सिंह ने कहा कि लोकतांत्रिक मूल्यों से गणतंत्र संवरेगा. उथल-पुथल भरे परिवेश में भारत जिस तरह विश्व पटल पर अपनी उपस्थिति दर्ज कर रहा है, वह विश्व के लिए आश्चर्य और देशवासियों के लिए गौरव का विषय है. संगोष्ठी के विशिष्ट अतिथि राष्ट्रीय मानवाधिकार संगठन के जिला अध्यक्ष ई. नवीन सिन्हा ने कहा कि दिसंबर 1946 से नवंबर 1949 के बीच संविधान सभा ने स्वतंत्र भारत के लिए नये संविधान का एक प्रारूप तैयार किया था. 150 साल की अंग्रेजी हुकूमत के बाद भारतीयों को आखिरकार अपनी नियति और भविष्य तय करने का मौका मिला. प्रभु नारायण महाविद्यालय चोलापुर वाराणसी के समाजशास्त्र के विभागाध्यक्ष डॉ राकेश बघेल ने कहा कि बाबा साहेब डॉ भीमराव आंबेडकर भारतीय संविधान के जनक के रूप में जाने जाते हैं. नगर निगम वार्ड 13 की वार्ड पार्षद सुनीता सिंह ने कहा कि लोकसभा से लेकर पंचायत स्तर तक संविधान के अनुसार सभी जातियों के लिए सुरक्षित सीट की व्यवस्था की गयी है, जो सामाजिक और आर्थिक रूप से पिछड़े लोगों को मुख्यधारा से जोड़ती है. मौके पर सहायक प्रो डॉ रेनू बाला, इ. भारत सिंह, अजय भगवान, बृजेश सिंह कुलबुल, प्रवीण सिंह टुन्ना, नागेंद्र सिंह, देवमुनी कुमारी, ओम प्रकाश सिंह, डॉ सुनील कुमार, बबन सिंह, डॉ हरेंद्र कुमार आदि मौजूद थे. संगोष्ठी का संचालन भौतिक विभाग के प्रयोगशाला सहायक ओमप्रकाश सिंह ने किया.

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