चार जून तक शहर के मुख्य चौक रहेंगे बंद
लोकसभा चुनाव को लेकर 14 मई तक नामांकन की प्रक्रिया के मद्देनजर प्रशासन ने शहर के मुख्य चौक करगहर मोड़ व पोस्ट ऑफिस चौराहे को बंद कर दिया था, जो अब तक बंद है.
सासाराम ग्रामीण. लोकसभा चुनाव को लेकर 14 मई तक नामांकन की प्रक्रिया के मद्देनजर प्रशासन ने शहर के मुख्य चौक करगहर मोड़ व पोस्ट ऑफिस चौराहे को बंद कर दिया था, जो अब तक बंद है. शहर के लोग थोड़े समय के लिए ही परेशानी होने के कारण चुप रहे, लेकिन अब लोगों को कड़ी धूप व लू से अधिक मुख्य चौराहों को बंद करने के कारण बहुत अधिक परेशानी होने लगी है. यदि किसी को गौरक्षणी की तरफ जाना हो, तो उसे काली स्थान चौक से घूम कर जाना पड़ रहा है. ऐसे में एक-दो किलोमीटर की दूरी बढ़ने के कारण वाहन मालिकों की जेब ढीली हो रही है और परेशानी अलग से. ऐसे में अब लोग प्रशासन को मन ही मन कोसने लगे हैं. अड्डा रोड से निकल कर धर्मशाला की तरफ जाने वाले लोग काली स्थान से घूमना जरूरी नहीं समझते हैं. वह उल्टी दिशा में जाकर नेहरू शिशु उद्यान की कट से क्रॉस करते हैं. इससे हमेशा जाम होने की समस्या होती है. प्रशासन की ओर से चार जून तक मुख्य चौराहों को बंद करने का निर्णय लिया गया है. सातवें व अंतिम चरण का मतदान एक जून को होना है. ऐसे में प्रशासन की तरफ से मतदान प्रतिशत बढ़ाने के लिए लोगों को जागरूक भी किया जा रहा है. लेकिन, मतदाताओं को किसी प्रकार की परेशानी न हो और मतदान केंद्र तक लोग आसानी व कम समय में पहुंच जाये, इस तरह प्रशासन को ध्यान देना चाहिए.
इस संबंध में फजलगंज निवासी मनोज कुमार का कहना है कि शहर के मुख्य चौराहों को बंद करने से शहरवासियों को परेशानी हो रही है. नामांकन के दिन तक यह बंदी तो जायज था, लेकिन अब यह परेशानी का सबब बन चुका है. इस परेशानी में प्रचंड गरमी में बस में बैठे स्कूली बच्चों को घर जाने के लिए लंबी दूरी तय करना पड़ता है. जो बच्चे स्कूल की छुट्टी होने के बाद आधे घंटे में घर पहुंच जाते थे, वे अब एक से डेढ़ घंटे के बाद अपने घर पहुंचते हैं. वहीं, हरेकृष्ण कॉलोनी के प्रदीप कुमार सिंह जाम की समस्या से निजात दिलाने की प्रशासन की पहल सही है. लेकिन, इस पर लोगों की समस्या को भी ध्यान में रखना चाहिए था. आये दिन प्रशासन के नये ट्रैफिक नियम से प्रशासन को तो सुविधा दिख रही है. लेकिन, शहरवासियों की सुविधा-असुविधा का रूप ले लिया है. ऐसे में प्रशासन का मौन रहना उचित नहीं लग रहा है. प्रशासन को इस पर विचार करना चाहिए. सिविल लाइन मुहल्ले के कृपाशंकर तिवारी का कहना है कि इस गर्मी में शहर में यातायात व्यवस्था पर कार्य हुआ. लेकिन, प्रशासन के द्वारा लोकसभा चुनाव के बहाने मुख्य चौराहों को बंद कर देने से पेट्रोल व डीजल की अधिक खपत हो रही है. वहीं, ऑटो वाले यात्री नये ट्रैफिक नियम से पैदल सफर करना मुनासिब समझ रहे हैं. कारण किसी को जल्दी गंतव्य तक पहुंचता है. ऐसे में भूल-भूलैया की तरह पश्चिम से पूरब की तरफ दौड़ना उचित नहीं समझते. शिव कॉलोनी के आदर्श कुमार तिवारी कहते हैं कि शहर का यातायात अच्छा हो, पर उसमें प्रशासन को जनता की सहूलियत का भी ध्यान रखना चाहिए. नामांकन की प्रक्रिया के बाद मुख्य चौराहों को खोलने से यातायात व्यवस्था पर कुछ अंतर पड़ने वाला नहीं है. केवल वाहनों के संचालक व मालिकों को परेशानी हो रही है. एक जून को होनेवाला मतदान इस नये ट्रैफिक नियम से प्रभावित हो सकता है.क्या कहते हैं अधिकारी
यातायात डीएसपी मो आदिल विलाल ने कहा कि लोकसभा चुनाव को देखते हुए शहर के मुख्य चौराहों को बंद किया गया है. चुनाव को लेकर समाहरणालय में अधिकारियों का आवागमन लगातार हो रहा है. इसको देखते हुए आगामी चार जून तक मुख्य चौराहा बंद करने का निर्णय लिया गया है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है