सासाराम नगर. ऐतिहासिक धरोहरों से पटे जिले को अब भी वैश्विक पहचान नहीं मिल पायी है. पर्यटकों की नजर से देखें, तो जिले में देखने और जानने के लिए बहुत कुछ है. लेकिन, इसका विकास वैसा नहीं हो पाया है, जैसा आसपास के जिलों की ब्रांडिंग की गयी है. पिछले वर्ष पर्यटन विभाग के मुख्य सचिव के दौरे के बाद लगा था कि जिले को पर्यटन के क्षेत्र में वैश्विक स्तर पर विकसित किया जायेगा. कुछ समय जरूर लगा. लेकिन, अब रास्ते खुलने लगे हैं. चेनारी प्रखंड में स्थित करमचट डैम को वैश्विक स्तर पर इको व एडवेंचर टूरिज्म के तर्ज पर विकसित किया जायेगा. इसके लिए केंद्र सरकार ने विशेष सहायता के रूप में बिहार सरकार को 49.51 करोड़ रुपये की राशि की मंजूरी दे दी है. आनेवाले कुछ दिनों में इसको लेकर रूपरेखा पर्यटन विभाग तैयार करेगा. इस जानकारी पर्यटन विभाग जनसंपर्क पदाधिकारी रविशंकर उपाध्याय ने दी. उन्होंने बताया कि इस योजना के तहत डैम के आसपास के क्षेत्र को पर्यटन केंद्र के रूप में विकसित किया जायेगा. जहां पर पर्यटकों के ठहरने के साथ-साथ डैम में बोटिंग सहित अन्य मनोरंजन के साधन उपलब्ध कराये जायेंगे.
जुलाई 2023 में भ्रमण करने पहुंचे थे मुख्य सचिव
जिले को पर्यटन के क्षेत्र में विकसित करने के लिए जुलाई 2023 में पर्यटन सचिव अभय कुमार सिंह ने दौरा किया था. इस दौरान उन्होंने रोहतासगढ़ रोपवे, मां तुतला भवानी धाम, शेरगढ़ और करमचट डैम का भ्रमण किया था. इस भ्रमण के बाद उन्होंने कहा था कि डैम के पास करीब पांच एकड़ जमीन में एंटरटेनमेंट और एक्टिविटी जोन के निर्माण की चर्चा की थी, जहां कैफेटेरिया, झूला, रॉक क्लामबिंग, गो-कार्टिंग जैसी सुविधाएं मुहैया कराने की तैयारी थी. साथ ही मां तुतला भवानी धाम पर एक झूला पूल और कुछ दुकानें निर्मित करने की बात कही थी. हालांकि अब तक इनका कार्य शुरू नहीं हुआ है.दो जिलों में बंटा डैम, रोहतास साइड में फिलहाल पर्यटकों के लिए कुछ नहीं
करमचट डैम दो जिलों में बंटा हुआ है. एक किनारा कैमूर और दूसरा किनारा रोहतास जिले के जिम्मे है. दोनों जिलों की बात करें, तो कैमूर जिला इस डैम को पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र बनाने में जुटा हुआ है. बोटिंग से लेकर कैफेटेरिया तक विकसित किया जा रहा है. वहीं, रोहतास जिले के सीमा क्षेत्र में ऐसा कोई कार्य नहीं हो रहा है, जो पर्यटकों को आकर्षित करे. वन विभाग ने डैम के पास एक गेस्ट हाउस बनाया है और दो नावें भी रखी हैं. लेकिन, यह अधिकारियों के मनोरंजन के अलावा किसी और के कार्य में नहीं आते हैं, जबकि रोहतास जिले के हिस्से में ही शेरगढ़ किला और गुप्ताधाम मंदिर पड़ता है. जहां पर वन विभाग का पहरा है. गुप्ता धाम के रास्ते पर पिछले एक वर्ष से अधिक समय से प्राइवेट गाड़ियों की जाने की इजाजत नहीं है, तो कुछ दिन पहले ही बाइक और पैदल जाने वाले लोगों को भी रोक दिया गया है. इसके पीछे वन विभाग का कहना है कि रास्ता बनाने का कार्य चल रहा है. प्रत्येक वर्ष लाखों रुपये वन विभाग इस रास्ते के निर्माण पर खर्च करता है. लेकिन, किसी को चलने नहीं देता है. यहां पर केवल जिले के वरीय अधिकारियों की गाड़ियों को ही अंदर जाने की इजाजत मिलती है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है