महादेव अल्ट्रासाउंड सील, मां वैष्णो अल्ट्रासाउंड को बंद करने की चेतावनी
डीएम के निर्देश पर गठित धावादल ने की कार्रवाई
सासाराम नगर. डीएम के निर्देश पर गठित धावादल ने महादेव अल्ट्रासाउंड को सील कर दिया. इस सेंटर संचालन के संबंध में जरूरी साक्ष्य प्रस्तुत नहीं किया गया. इस वजह से सेंटर को सील कर दिया गया. इसके अलावा विकास नर्सिंग होम के परिसर में संचालित मां वैष्णो अल्ट्रासाउंड को तत्काल बंद करने का निर्देश दिया गया. क्योंकि, उनके सभी पेपर जांच में पुराने पाये गये. गुरुवार को डीएम के निर्देश पर कार्यपालक दंडाधिकारी मो गुलाम शाहीदा के नेतृत्व में निकला धावादल मोहनशाह तालाब के आसपास स्थित सभी क्लीनिकों, अल्ट्रासाउंड सेंटर और डायगोनोस्टिक सेंटर की जांच की. इसमें अमूमन मानकों पर खरे नहीं उतरे. धावादल के सदस्यों ने इन सेंटरों के संचालकों को सभी दस्तावेज 24 घंटे के अंदर प्रस्तुत करने का निर्देश दिया. साथ ही चेतावनी भी दी की अगर इस निर्धारित समय के अंदर दस्तावेज नहीं प्रस्तुत किये गये, तो फिर सेंटर सील करने की कार्रवाई की जायेगी. साथ ही मोहनशाह तालाब में फेंके गये मेडिकल वेस्ट को लेकर टीम के सदस्यों ने बाबा डायगोनोस्टिक सेंटर के संचालक को चेतावनी दी और कहा कि अगर दोबारा आपके सेंटर के सामने कचरा पाया गया, तो कार्रवाई होगी. इस पर संचालक ने कहा कि यह कचरा मैंने नहीं फेंका है, तो सदस्यों ने कहा कि इसकी जवाबदेही आपकी है. इस टीम में डॉ अविनाश कुमार के अलावा कई अन्य कर्मी मौजूद थे. तकनीशियन कर रहा था अल्ट्रासाउंड: महादेव अल्ट्रासाउंड में जांच करने पहुंचे धावादल के सदस्य को देख कुछ कर्मी भाग गये. वही, जो थे वह मानक दस्तावेजों को प्रस्तुत नहीं कर पाये. धावादल के सदस्य सासाराम प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ प्रभास कुमार ने बताया कि अल्ट्रासाउंड में जब हमलोग गये, तो पाया की तकनीशियन हर्निया के एक मरीज का अल्ट्रासाउंड कर रहा था. उनसे पेपर मांगा गया, तो वह प्रस्तुत नहीं कर पाये. इस वजह से सेंटर को सील कर दिया गया. बाबा डायगोनोस्टिक सेंटर का एक्स-रे सेंटर बिना तकनीशियन: धावादल के जांच में बाबा डायगोनेस्टिक सेंटर में संचालित एक्स-रे मशीन का कोई तकनीशियन नहीं मिला. इस सेंटर में जांच घर और अल्ट्रासाउंड भी संचालित हो रहा है. यहां अल्ट्रासाउंड सेंटर का संचालन सदर अस्पताल में कार्यरत डॉक्टर माहेरा इरम की देखरेख में हो रहा है. इस संबंध में सेंटर के संचालक ने धावादल के सदस्यों को सभी दस्तावेज दिखाये. वहीं, जांच घर के संचालन के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने बताया कि लैब तकनीशियन शादी में गया हुआ है. इसपर पूछा गया कि रिपोर्ट कौन जारी करता है? तो सेंटर के संचालक ने बताया कि जांच करने के बाद लैब तकनीशियन ही रिपोर्ट जारी करता है. इसपर टीम के सदस्यों ने बताया कि यह गलत है. केवल पैथोलॉजिस्ट ही जांच रिपोर्ट दे सकता है. अगर आपके पास पैथोलॉजिस्ट नहीं है, तो फिर यह गलत है. इससे संबंधित दस्तावेज 24 घंटे के अंदर प्रस्तुत करने का निर्देश धावादल के सदस्यों ने दिया. कई क्लिनिकों को खुला छोड़ चले गये स्टाफ: धावादल के कार्रवाई के डर से कई क्लिनिक संचालक सब कुछ छोड़कर बाहर निकल गये. बाबा डायगोनोस्टिक सेंटर के ठीक ऊपर सदर अस्पताल की डॉ माहेरा इरम और डॉ इरफान अनवर पुष्पांजली अस्पताल चलाते हैं. छापेमारी के दौरान ये दोनों मौजूद नहीं थे. लेकिन, टीम के जाते ही वहां के स्टाफ भी बाहर निकल गये और पूरी क्लिनिक खाली थी. धावादल के सदस्यों ने वहां के स्टाफों को बुलाया, तो एक ने आकर उन्हें सभी बातें बतायी, जिसमें उसने कहा कि यहां केवल ओपीडी होता है. इसपर धावादल के सदस्य ने कहा कि क्लिनिक के संबंध में सारे दस्तावेज 24 घंटे के अंदर जमा करने का निर्देश देकर चले गये. हालांकि इस क्लिनिक में एक दवा काउंटर का भी संचालन हो रहा था, जिसपर धावादल के सदस्य ने कहा कि वह ड्रग इंस्पेक्टर जांच करेंगे. हमलोगों को उसके बारे में कोई दिशा निर्देश नहीं मिला है.
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