कैमूर पहाड़ी की तराई में बसे गांवों में खिसकने लगा जलस्तर

प्रखंड क्षेत्र स्थित कैमूर पहाड़ी की तराई में बसे दर्जनों गांवों में जैसे-जैसे तपिश बढ़ती जा रही है, वैसे-वैसे जलस्तर खिसक रहा है और लोगों के समक्ष पेयजल की समस्या उत्पन्न हो रही है.

By Prabhat Khabar News Desk | April 19, 2024 8:00 PM
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तिलौथू. प्रखंड क्षेत्र स्थित कैमूर पहाड़ी की तराई में बसे दर्जनों गांवों में जैसे-जैसे तपिश बढ़ती जा रही है, वैसे-वैसे जलस्तर खिसक रहा है और लोगों के समक्ष पेयजल की समस्या उत्पन्न हो रही है. गौरतलब है कि तिलौथू प्रखंड क्षेत्र के अंतर्गत कैमूर पहाड़ी की तराई में दर्जनों गांव ऐसे हैं, जिनका गर्मी के दिनों में जलस्तर खिसक जाता है और उन गांवों में पेयजल की संकट गहरा जाती है. प्रखंड के निमियाडीह, राजी रामडीहरा, मिर्जापुर, कैथी, चंदनपुरा, सोनपुरा, रेड़िया , भींसडा, बरवाडीह, सुपासराय, रामडीहरा, रूपहंथा, चितौली आदि. ये सभी गांव एकदम कैमूर पहाड़ी की तलहटी में बसे हुए हैं और बढ़ती तपिश में इन गांवों में जलस्तर के खिसकने से लोगों के समक्ष पेयजल की समस्या गहरा जाती है. ऐसे में पीएचइडी कई गांवों में हाथी मुंडा चापाकल भी लगाया है. कभी-कभी यह चापाकल भी टंग जाते हैं. जिस कारण पेयजल की समस्या उत्पन्न हो जाती है. इस परिस्थिति में पहाड़ की तराई में बसे गांवों के लोगों को मैदानी क्षेत्र में आकर पीने के लिए पानी की व्यवस्था करनी पड़ती है.

मोटरपंप भी कम दे रहे पानी

अभी से प्रखंड क्षेत्र के बरवाडीह, सुपासराय , रेडिया, चंदनपुरा, भदोखरा, निमियाडीह की तराई वाले क्षेत्र में जलस्तर खिसकने लगा है. लोगों के चापाकलों से व मोटरपंप बहुत ही कम मात्रा में पानी दे रहा है जबकि अभी गर्मी की शुरुआत हुई है. ऐसे में पेयजल की समस्या लोगों के समक्ष उत्पन्न हो सकती है. पीएचईडी द्वारा कई जगह चापाकल लगाए तो गए हैं लेकिन कई चापाकल मरम्मत के अभाव में अभी भी इसी तरह बेकार पड़े है. कैमूर पहाड़ी की तराई वाले गांव में कुआं भी अब जवाब देने लगे हैं. बरवाडीह , कैथी, निमियाडीह गांव में कुआं का पानी सूख गया है. पीएचईडी के द्वारा तिलौथू प्रखंड क्षेत्र में कुल 586 चापाकलों को लगाया गया है जबकि इनमें से 105 चापाकल की मरम्मत भी करायी गयी है. फिलहाल तिलौथू के मध्य विद्यालय सरैया, मध्य विद्यालय केरपा, हाई स्कूल भदोखरा, मध्य विद्यालय बडिहा (सेवही), काली मंदिर चोरकप व मध्य विद्यालय चंदनपुरा में लगे चापाकल जो मरम्मत के अभाव में बंद पड़े थे, उनकी पीएचइडी ने तत्काल मरम्मत करायी है, लेकिन अब भी कई चापाकल ऐसे ही बंद पड़े हैं.

तैनात किया गया है टैंकर

इस संबंध में पीएचइडी के जेइ रिंकू राज का कहना है कि अपने प्रखंड क्षेत्र में पीएचइडी के द्वारा कुल 586 चापाकलों को लगाया गया है. इनमें कैमूर पहाड़ी की तराई वाले सभी गांवों में लगभग चापाकल लगाये गये हैं. जनशिकायत पर बंद पड़े चापाकलों में 105 चापाकलों की तत्काल मरम्मत करायी गयी है. मेरे जानकारी में अभी लगभग 8 से 10 चापाकल और हैं, जिनकी मरम्मत करायी जा रही है. जैसे-जैसे लोगों की शिकायत जहां से मिलती है, तुरंत चापाकलों की मरम्मत करायी जाती है. अभी भी कैमूर पहाड़ी की तराई में कई गांवों में चापाकल की मरम्मत का कार्य चल रहा है. अगर जिस गांव में पेयजल संकट की समस्या आयेगी, उसके लिए पीएचइडी द्वारा टैंकर को तैनात किया गया है. उस गांव में तुरंत टैंकर से पेयजल की सुविधा मुहैया कराई जायेगी. इसके लिए पीएचइडी तत्पर है. आगामी चुनाव के मद्देनजर भी पहाड़ी क्षेत्र के गांव एवं आवश्यक जगह पर चापाकलों को लगाया गया है. पेयजल की समस्या उत्पन्न नहीं होने दी जायेगी.
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