नौ दिनों में सात सौ बीघे में खड़ी गेहूं की फसल जलकर हुई राख
प्रखंड क्षेत्र में तीन दिनों से लगातार अगलगी की घटनाओं से किसानों की गेहूं की खड़ी फसल जलकर राख हो गयी. इससे कई लोगों के आशियाना भी जल गये हैं.
दिनारा. प्रखंड क्षेत्र में तीन दिनों से लगातार अगलगी की घटनाओं से किसानों की गेहूं की खड़ी फसल जलकर राख हो गयी. इससे कई लोगों के आशियाना भी जल गये हैं. क्षेत्र में लगातार अगलगी की घटना हो रही है. इससे किसानों के अरमानों पर पानी फिर जा रहा है. ऐसे बहुत किसान है, जिनके घरों में शादी-विवाह होना है. अपने बेटा-बेटी की बढ़ाई के लिए खेती किये थे. ऐसे में किसानों की स्थिति लचर जैसी हो गयी है. बताते चलें कि नौ अप्रैल को दिनारा गिरधरिया समहुती गांव के खेतों में आग लगने से लगभग 80 बीघे की फसल जल गयी. 15 अप्रैल को बसडिहां गांव में अगलगी से 20 बीघे की फसल जल गयी. 17 अप्रैल को दिनारा प्रखंड के दर्जनों गांवों में अगलगी से लगभग चार सौ बीघे में गेहूं की खड़ी फसल जलकर राख हो गयी. 18 अप्रैल को नटवार थाना क्षेत्र के मुसवत गांव में भीषण आग लगने से आग लगने से लगभग 200 बीघे गेंहू का फसल जल गयी. वहीं, कई लोगों के पुआल के गला में आग लग गयी. इससे पशुओं के भोजन पर भी आफत आने की नौबत खड़ी हो गयी है. गंगाढ़ी गांव में अगजनी से दलितों के घर जल गये. इसको लेकर क्षेत्र के किसानों की चिंता बढ़ गयी है. ऐसे में ग्रामीणों से आग लगने की कारण के बारे में पता किया गया, तो रामपुर निवासी संतोष सिंह ने बताया कि आजकल खेतों में आग लगने की वजह किसान अपने खेतों का पराली जला रहे हैं. ये वजह हो सकता है. और लोगों ने कहा कि हार्वेस्टर से भी चिंगारियां निकलने के वजह से आग लग सकती है. वहीं, कुछ लोगों ने कहा कि भूसा बनाने वाले रैपर मशीन भी आग का कारण हो सकता है. ऐसे में किसी को दोषी देना उचित नहीं है. आग बीड़ी, सिगरेट या शरारती लोग भी आग लगा सकते हैं. कुछ लोग कहते हैं कि बिजली से आग लग सकती है. जबकि विभाग द्वारा सुबह आठ बजे से शाम पांच बजे तक विद्युत सेवा बंद कर दिया जाता है. अभी तक आग लगने के कारण के बारे में स्पष्ट नहीं हो पाया की आग कैसे लगी जाती है.