जीतने वाले दिल्ली गये और हारने वाले घर, अपनी जगह रह गया टूटा मकराइन पुल

चुनाव जीतने वाले दिल्ली चले गये. जो चुनाव हार गये, अधिकांश क्षेत्र छोड़ चुके हैं. जो बचे हैं, वे घर बैठे हैं. आलम यह कि चुनाव के दौरान ज्वलंत मुद्दा बने बंद मकराइन पुल के लिए कोई बोलने वाला भी नहीं रहा.

By Prabhat Khabar News Desk | June 19, 2024 11:49 PM
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अकोढ़ीगोला. चुनाव जीतने वाले दिल्ली चले गये. जो चुनाव हार गये, अधिकांश क्षेत्र छोड़ चुके हैं. जो बचे हैं, वे घर बैठे हैं. आलम यह कि चुनाव के दौरान ज्वलंत मुद्दा बने बंद मकराइन पुल के लिए कोई बोलने वाला भी नहीं रहा. मकराइन पुल पर आवागमन एक साल से बंद है. चुनाव के बाद उम्मीद जगी थी कि जीतने वाले इस विषय पर कुछ करे या न करे, पर बोलेंगे जरूर. पर, ऐसा अब तक नहीं हुआ. जो चुनाव हारे हैं, वे शायद सदमे में हैं. वह शायद इसलिए इस विषय पर बोलने से परहेज कर रहे हैं. शायद अगले वर्ष विधानसभा चुनाव के आने का समय का इंतजार कर रहे हैं. आखिर इस समस्या से निजात दिलायेगा कौन? इस प्रश्न का उत्तर अभी तो कोई देने वाला नहीं है. पर, समस्या से पीड़ित इस पर नजर रखे हुए हैं. जिसका प्रत्युत्तर फिर समय आने पर देंगे. गौरतलब है कि स्टेट हाइवे 15 डेहरी से बिक्रमगंज को जोड़ने वाली सड़क पर मकराइन के पास रेलवे पुल में मई 2023 में दरार आ गयी थी. दरार आने पर पुल को आवागमन के लिए बंद कर दिया गया था, जो अब तक लागू है. यहां लोगों का पैदल चलना भी बंद हो गया है. पैदल लोग रेलवे की पटरियों को पार कर आवाजाही करते हैं, जहां रेलवे का फाटक भी नहीं लगा है. जो, हादसा को आमंत्रण दे रहा है. वाहनों के लिए सोन नदी के किनारे रेलवे के अंडर पास से गुजरने का रास्ता बनाया गया है. गौरतलब है कि छह जून 2023 को सामाजिक कार्यकर्ता समीर दुबे ने रेलवे ओवरब्रिज को शुरू कराने की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रेलवे अधिकारी व तत्कालीन अनुमंडल पदाधिकारी को मांग पत्र सौंपा था. इसके बाद 11 जुलाई 2023 को ऑल इंडिया यूथ फेडरेशन के अनुमंडल अध्यक्ष हरिशंकर प्रसाद सिंह के नेतृत्व में प्रदर्शन हुआ था. फेडरेशन का प्रतिनिधि मंडल पंडित दीनदयाल उपाध्याय मंडल के रेल प्रबंधक राजेश गुप्ता को ज्ञापन सौंपा था. लेकिन, कोई बड़े नेता इस विषय पर बोलने से भी परहेज करते रहे हैं, तो लोगों को उम्मीद जगी थी कि चुनाव के दौरान नेताओं ने जब अपनी आंखों से इस समस्या को देखा और झेला है, तो कुछ करने की बात तो दूर, दो शब्द बोलेंगे. पर, अब तक ऐसा नहीं हो सका है. फिर, इस पुल की मरम्मत भगवान भरोसे है. इस क्षेत्र के निवासी अनिल सिंह, सुरेंद्र सिंह, श्रीकांत पाल, गोलू कुमार, राकेश सिंह, बंटी सिंह आदि ने कहा कि वैसे सांसद की जिम्मेवारी है कि वे मकराइन रेलवे पुल को चालू कराने की पहल करें. इसके साथ जो विपक्षी हैं, कम से कम उनकी भी जिम्मेवारी बनती है कि इस समस्या पर कुछ कहें या फिर करें.

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