सावन जो अगन लगाये उसे कौन बुझाये…बिहार में 44 डिग्री का एहसास करा रहा 34 डिग्री का तापमान
बीते माह के अंतिम सप्ताह में रूक-रूककर लगातार हुई बारिश के बाद लगा कि बीते दो महीने की प्रचंड गर्मी की विदाई हो गयी. अब कुछ दिन बारिश का मजा मिलेगा या शहर से लेकर गांवों तक जलजमाव झेलना होगा, लेकिन बारिश ने दगा दे दिया.
मधेपुरा. चिंगारी कोई भड़के,तो सावन उसे बुझाये, सावन जो अगन लगाये, उसे कौन बुझाये… किशोर कुमार के इस गीत की पीड़ा आज बिहार के लोगों खासकर किसानों के चहरे को देखकर समझा जा सकता है. अगर ये सावन है तो फिर जेठ की धूप कैसी होगी, यही सवाल आज आम से खास तक एक दूसरे से पूछ रहे हैं. बीते माह के अंतिम सप्ताह में रूक-रूककर लगातार हुई बारिश के बाद लगा कि बीते दो महीने की प्रचंड गर्मी की विदाई हो गयी. अब कुछ दिन बारिश का मजा मिलेगा या शहर से लेकर गांवों तक जलजमाव झेलना होगा, लेकिन बारिश ने दगा दे दिया.
33 से 35 डिग्री के बीच ही डोल रहा है पारा
इधर प्रचंड गर्मी एक बार फिर लौट आयी है. हालांकि मापक पर इसका पारा 33 से 35 डिग्री के बीच ही डोल रहा है, लेकिन यह 42 से 44 डिग्री सेल्सियस की गर्मी का एहसास करा रही है. आसमान में बादल छाये रहते हैं, जिससे लगता है कि आंशिक ही सही, बारिश होगी, लेकिन उमस वाली गर्मी लोगों को परेशान करने से चूकना नहीं चाह रही है. लोग बार-बार अपने मोबाइल में मौसम विज्ञान केंद्र से आने वाली सूचना देखते रहते हैं कि बारिश के आसार हैं भी या नहीं.
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गमछा रख माथे को रखते हैं ठंडा
जुलाई समाप्त होने में अब महज पांच दिन शेष बचे हैं. यह विशुद्ध रूप से बारिश का महीना है. अमूमन इस महीने में लोग बारिश और जलजमाव से परेशान रहते हैं. हिंदी के अनुसार भी यह सावन का है. सावन और भादो भी पूर्णत: बरसात को समर्पित है, लेकिन बीते माह बरसकर गयी बारिश फिर लौटकर नहीं आयी. वही अप्रैल से जून वाली 40 से 44 डिग्री सेल्सियस प्रचंड गर्मी लौट आयी है. बाजार का परिदृश्य एक बार फिर बदल गया है. अब लोग बारिश से बचने के लिए नहीं, तीखी धूप से बचने के लिए छाता तान रहे हैं. दिन में बाजार निकलने वाले लोग सिर पर गमछा लेकर चलते हैं. पैदल चलने वाले राहगीर हों या बाइक से चलने वाले बाइकर्स, थोड़ी-थोड़ी देर पर छांव ढूंढ़ते हैं और थोड़ी देर सुस्ताकर ही आगे बढ़ते हैं.
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कोल्डड्रिंक्स व जूस की ओर बढ़ने लगे लोग
गर्मी के दोबारा लौटकर आने से बाजार की सुस्त होती जा रही दुकानदारी में भी बदलाव हो गया है. एक बार फिर से लोग ठंडा पानी, कोल्डड्रिंक्स, लस्सी की दुकानों पर पहुंचने लगे हैं. इसके अलावे गन्ना सहित सभी तरह के फलों का जूस भी खूब बिकने लगा है. नारियल पानी की सुस्त हुई बिक्री में एक बार फिर से तेजी आ गयी है. अभी बाजार में नये फल के रूप में अनानास आया है. लोगों का उधर भी झुकाव बन रहा है, लेकिन पेट को ठंडा रखने के बाद भी लोग सूरज की तीखी किरणों में कमी आने का इंतजार कर रहे हैं. लौटकर आयी गर्मी से एक बार फिर बीमार होने वाले लोगों की संख्या में वृद्धि हो रही है. डॉक्टर लोगों को सावधानी से रहने की सलाह दे रहे हैं.
शेखपुरा का अधिकतम तापमान 36 डिग्री सेल्सियस पार
इधर, शेखपुरा में मौसम विभाग ने मानसून अभी शुक्रवार तक नाराज रहने की भविष्यवाणी जारी की है. इसके पहले भी मौसम विभाग द्वारा सोमवार 23 जुलाई तक मानसून के निष्प्रभावी रहने संबंधी सूचना जारी की थी. अब इसे बढ़ाकर शुक्रवार 28 जुलाई कर दिया है. मौसम विभाग ने मानसून के बंगाल की खाड़ी के दक्षिण दिशा में लगातर सक्रिय रहने के कारण शेखपुरा सहित राज्य के कई जिलों में मानसून के बेरुखी के कारण सुखाड़ बढ़ती जा रही है. मौसम विभाग द्वारा इस दौरान किसानों को खाली खेतों में पटवन कर रोपनी शुरू करने की सलाह दी है. जबकि, पहले से रोपे गए धान को पटवन कर जिंदा रखने की सलाह दी है.
अभी तक मात्र दस प्रतिशत धान की ही रोपनी
मौसम विभाग ने मानसून और बारिश से संबंधी जानकारी शुक्रवार को पुन प्राप्त करने की अपील की है. कृषि विभाग के अनुसार जिले में अभी तक मात्र दस प्रतिशत धान की ही रोपनी हो पाई है. मानसून की बेरूखी के कारण जिले का अधिकतम तापमान भी 36 डिग्री सेल्सियस पार कर गया है. वही न्यूनतम तापमान भी 27 -28 डिग्री सेल्सियस के बीच बना हुआ है. लोगों को उमस भरी गर्मी से रात दिन कठिनाई से दो -चार होना पड़ रहा है.