सावन का महीना विवाहित स्त्रियों के लिए होता है खास, महिलाएं इन बातों का रखें खास ध्यान
सावन का महीना विवाहित स्त्रियों के लिए बहुत खास होता है. इस महीने में महिलाएं शिवजी की पूजा अर्चना करके अपने पति की दीर्घायु होने की कामना करती हैं और अपने लिए अखंड सौभाग्यवती रहने का वरदान मांगती हैं.सावन के महीने में महिलाओं के साथ साथ कुंवारी कन्याएं भी भगवान शिवजी की पूजा करती हैं.
सावन महीने में भगवान शिवजी की पूजा करना शुभ माना जाता है.सावन का महीना विवाहित स्त्रियों के लिए बहुत खास होता है. इस महीने में महिलाएं शिवजी की पूजा अर्चना करके अपने पति की दीर्घायु होने की कामना करती हैं और अपने लिए अखंड सौभाग्यवती रहने का वरदान मांगती हैं. लेकिन शिवजी की पूजा में सुहागिन महिलाओं को सावन से जुड़े कुछ नियम बताए गए है. ऐसा मानना है की शिवजी की पूजा करते समय कुछ बातों का विशेष ध्यान रखना चाहिए. अगर शिवजी की पूजा ठीक ढ़ंग से नहीं की जाती है तो भगवान शिव क्रोधित हो जाते हैं.शास्त्रों में सुहागिन महिलाओं के लिए सावन से जुड़े कुछ खास नियम बताए गए है. आइए जानते हैं क्या है ये नियम और खास बातें –
बेलपत्र के साथ भांग और धतूरा शिवजी को है प्रिय
सावन के महीने में महिलाओं को रोजाना सुबह स्नान के बाद शिवलिंग पर जल चढ़ाना चाहिए और उसके बाद पंचामृत से स्नान करवाना चाहिए.भगवान शिवजी की पूजा में सबसे जरूरी बेलपत्र माना जाता है.बेलपत्र के साथ भांग और धतूरा भी शिवजी को अर्पित किया जाता है.क्योंकि बेलपत्र और भांग और धतूरा के बिना शिवजी की पूजा अधूरी मानी जाती है.फिर अक्षत, फल, फूल और सफेद चंदन चढ़ाना चाहिए. और उसके बाद सफेद मिष्ठान से शिवजी को रोजाना भोग लगाना चाहिए.शिवजी को मदार के फूल बहुत प्रिय है.मदार पुष्प की माला शिव जी को अवश्य चढ़ाना चाहिए.अगर विवाहित महिलाएं रोजाना यह सब नहीं कर सकती हैं तो शिवलिंग पर जल जरूर चढ़ा दें. इसके अलावा हर सोमवार को विधि विधान से शिवजी की पूजा अर्चना अवश्य करें.
हरा रंग सावन के महीने का प्रतीक माना जाता है
हरा रंग सावन के महीने का प्रतीक माना जाता है.इस महीने में सुहागिन महिलाओं को अपने हाथ में हरी-हरी चूड़ियां अवश्य पहननी चाहिए. सावन महिने में सुहागिन महिलाओं को काले कपड़े को छोड़ हरे, लाल और पीले रंग के वस्त्र ही धारण करना चाहिए.विवाहित महिलाओं को पैर में बिछिया और पायल जरूर पहनना चाहिए.क्योंकि ऐसी मान्यता है कि जो महिलाएं सावन के महीने में पायल पहनती हैं उनके घर में शिवजी और माता पार्वती स्वयं पधारते हैं.
सावन में मंगला गौरी के व्रत का खास महत्व
सावन के महीने में सोमवार के साथ-साथ मंगलवार के व्रत का भी खास महत्व होता है. मंगला गौरी के इस व्रत में माता पार्वती की पूजा की जाती है और व्रत किया जाता है.इस दिन श्रृंगार सामग्री का दान भी किया जाता है.इस महिने में सुहागिन महिलाओं को मेंहदी लगानी चाहिए.ऐसा करने से सुहागिन महिलाओं का दांपत्य जीवन खुशहाल रहता है.सावन के महीने में सुहागिन महिलाओं को हर सोमवार को शिवजी और पार्वतीजी के भजन करने चाहिए और सुखी रहने की प्रार्थना करना चाहिए.
महिलाओं को शिवलिंग छूने की इजाजत नहीं
सावन में भगवान शिवजी को खुश करने के लिए कई तरह के तरीके अपनाए जाते हैं. सावन के महीने में बैल का हरा चारा खिलाना चाहिए. कहा जाता है कि इस महीने में बैल को खाना खिलाने से घर में सुख-समृद्धि आती है.सावन के महीने में घर में शिवलिंग की स्थापना करके उसकी पूजा करनी चाहिए. और भगवान शिवजी के मंत्रों का 108 बार जाप करना चाहिए. कहा जाता है कि ऐसा करने से भगवान शिवजी प्रसन्न होते हैं. सावन के महीने में हर सोमवार पानी में दूध और काले तिल डालकर शिवलिंग का अभिषेक करने से कई तरह की बीमारियों से छुटकारा मिलता है.धार्मिक मान्यताओं के अनुसार महिलाओं को शिवलिंग छूने की इजाजत नहीं होती. कहा जाता है कि शिवजी तपस्या में लीन रहते हैं और किसी महिला के शिवलिंग को छूने से उनकी तपस्या भंग हो जाती है.