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Sawan Somvar Vrat: सावन की पहली सोमवारी कल, शुभ योग में दो साल बाद शिवालयों में जलाभिषेक करेंगे शिवभक्त

Sawan Somvar Vrat 2022: कल श्रावण मास की पहली सोमवारी है. इस दिन व्रत एवं पूजन-अर्चना का विधान है. इसके साथ ही 15 दिवसीय पारंपरिक लोकपर्व मधुश्रावणी भी कल से प्रारंभ हो रहा है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 17, 2022 7:42 PM

पटना. कल श्रावण मास का पहला सोमवार (Sawan Somvar) है. इसके साथ ही इसी दिन से मधुश्रावणी (Madhushravani) का त्योहार भी शुरू हो रहा है. इस बार सावन मास की पहली सोमवारी बेहद ही खास है. इस दिन रामायणकालीन हलेश्वर नाथ शिवालय, धनेश्वर नाथ शिवालय, बगही धाम, अद्भुत नाथ शिवालय, सिंघेश्वर नाथ शिवालय, श्री सुकेश्वर नाथ शिवालय, अमनेश्वर नाथ शिवालय, बाल्मीकेश्वर नाथ शिवालय, मानकेश्वर नाथ शिवालय व श्वेतांबर नाथ शिवालय समेत राज्य के सैकड़ों शिवालयों में ब्रह्म मुहूर्त प्रारंभ होते ही चार बजे भोर से ही जलाभिषक, रुद्राभिषेक एवं पूजन-अर्चना के लिए शिवभक्तों का तांता लगना शुरू हो जाएगा. इसको लेकर हलेश्वर नाथ शिवालय समेत जिले भर के शिवालयों को साफ-सुथरा कर सजाया गया है. प्रशासन की ओर से प्रसिद्ध शिवालयों में बैरिकेडिंग की गयी है.

दो साल बाद शिव भक्त शिवालयों में करेंगे जलाभिषेक

कोरोना काल के बाद शिवभक्त दो साल बाद शिवालयों में जलाभिषेक करेंगे. दंडाधिकारियों, पुलिस पदाधिकारियों एवं आवश्यक संख्या में पुलिस जवानों की प्रतिनियुक्ति की गयी है. वहीं, पहले सोमवार को देवघर के बाबा बैद्यनाथ धाम में जलाभिषेक, दर्शन एवं पूजन के लिये दो वर्ष बाद हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं का जत्था निकल चुका था, जो सुल्तानगंज में गंगाजल भरने के बाद वहां से पैदल करीब 110 किमी की दूरी तय कर बाबा की नगरी देवघर पहुंचेंगे और आज बाबा बैद्यनाथ का जलाभिषेक, दर्शन एवं पूजन करेंगे. सीतामढ़ी के सुरसंड प्रखंड के उपप्रमुख नीलम देवी भी स्थानीय किशन कुमार समेत अन्य भक्तों के साथ सुल्तानगंज से गंगाजल भरकर वहां से बाबा नगरी के लिये रवाना हो चुकी हैं. सावन मास की पहली सोमवारी पर वे बाबा बैद्यनाथ का दर्शन, जलाभिषक एवं पूजन करेंगी. सावन सोमवार का दिन शिवभक्तों का है, इसलिए इस दिन का माहौल भी शिवमय रहने की पूरी उम्मीद है.

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शिवालयों में जलाभिषेक को लेकर उमड़ी भीड़

आस्था की नगरी बक्सर जिले में हर सड़क केशरिया ड्रेस पहले श्रद्धालुओं से देर रात तक पटा रहा. नगर के साथ ही हर सड़क बोल बम के नारे से गुंजायमान रहा. रामरेखाघाट व नाथबाबा घाट से गंगा जल लेकर अपने शिवालयों में अभिषेक करने वाले श्रद्धालुओं से पूरा नगर व गंगा घाट पूरी तरह से भरा रहा. अपनी दूरी के अनुसार दिन भर कावंरियां गंगा से जल भर कर अपने गंतव्य की ओर रवाना होते रहे. इस क्रम में नगर शिवमय हो गया था. रामरेखाघाट से जल भरने के बाद हर कावंरिये का कदम मीनी बाबा धाम के नाम से प्रसिद्ध ब्रह्मपुर स्थित बरमेश्वर भगवान की तरफ रवाना हुआ. कांवरियां में बच्चा, युवा, महिलाएं व युवतियां शामिल रहे. हजारों की संख्या में श्रद्धालु बक्सर से जल भरने के बाद पूजा-अर्चन को लेकर 35 किलोमीटर दूर बरमेश्वर भगवान का जलाभिषेक करने के लिए रवाना हुए.

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