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Sawan Somwar 2021: सर्वार्थ सिद्धि योग में सावन की दूसरी सोमवारी आज, जानिये कब है पूजन का सर्वोत्तम मुर्हूत

कृष्ण नवमी के साथ कृत्तिका नक्षत्र व वृद्धि योग के होने से इस सोमवारी अति उत्तम सर्वार्थ सिद्धि योग बन रहा है. इस पुण्य फलदायी योग में शिव अाराधना करने से परिवार, धन्य-धान्य, कीर्ति, यश, वैभव में वृद्धि के साथ मानसिक अशांति, गृह क्लेश और स्वास्थ्य संबंधी चिंता दूर हो जाती है.

By Prabhat Khabar News Desk | August 2, 2021 7:38 AM

पटना. आज सावन महीने की दूसरी सोमवारी है. कृष्ण नवमी के साथ कृत्तिका नक्षत्र व वृद्धि योग के होने से इस सोमवारी अति उत्तम सर्वार्थ सिद्धि योग बन रहा है. इस पुण्य फलदायी योग में शिव अाराधना करने से परिवार, धन्य-धान्य, कीर्ति, यश, वैभव में वृद्धि के साथ मानसिक अशांति, गृह क्लेश और स्वास्थ्य संबंधी चिंता दूर हो जाती है. प्रदोष काल यानी सूर्यास्त के 45 मिनट पहले या 45 मिनट बाद भगवान शंकर की पूजा करना सबसे उत्तम होता है.

शिव उपासना दिलायेगा कालसर्प योग से छुटकारा

भारतीय ज्योतिष विज्ञान परिषद के सदस्य ज्योतिषाचार्य पंडित राकेश झा ने बताया कि सावन की दूसरी सोमवारी शिवभक्तों को बेहतर स्वास्थ्य और बल प्रदान करने वाला है. शिव को भांग, धतूरा और शहद अर्पित करना उत्तम फलदायी होगा. आज रुद्राभिषेक करने से श्रद्धालुओं को कुंडली के अनिष्ट दोष तथा कालसर्प योग से छुटकारा भी मिलेगा. शिव और पार्वती की पूजा व शिवोक्त मंत्र का जाप करने से आर्थिक और पारिवारिक समस्याएं भी दूर हो जाती हैं.

सावन का दूसरी सोमवारी में तिथि नवमी और कृत्तिका नक्षत्र विद्यमान रहेगा. सोमवार को चंद्रमा वृष राशि में गोचर करेगा, जहां राहु पहले से ही कुंडली जमाये विराजमान हैं. राहु तथा चन्द्र की युति से ग्रहण योग का संयोग बन रहा है. यदि किसी जातक के कुंडली में यह योग बना हुआ है तो आज महादेव की आराधना, मंत्र जाप और अभिषेक करने से इस दोष का प्रभाव कम किया जा सकता है.

शिव पूजन के लिए पूजा का मुहूर्त

  • शुभ काल मुहूर्त: प्रातः 08:37 बजे से 10:16 बजे तक

  • अभिजीत मुहूर्त- 11: 29 बजे से 12: 22 बजे तक

  • गुली काल मुहूर्त- 01: 35 बजे से 03: 15 बजे तक

  • प्रदोष काल: शाम 05:50 बजे से 07:20 बजे तक

  • शृंगार पूजा: रात्रि 06 :33 बजे से 07:54 बजे तक

शिव आराधना देता अक्षय फल

दूसरी सोमवारी पर कृष्ण पक्ष की नवमी तिथि पड़ रही है. सनातन धर्म में नवमी तिथि का विशेष महत्व बताया गया है. इस नवमी तिथि पर प्रभु श्रीराम का जन्म हुआ. इस तिथि को ही सर्व सिद्धि को देने वाली माता सिद्धिदात्री देवी का पूजन किया जाता है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार नवमी तिथि में किया गया पूजा या अन्य शुभ कार्य का फल अक्षय मिलता है.

बुधादित्य योग का हो रहा निर्माण

ज्योतिष आचार्य राकेश झा ने कहा कि दूसरी सोमवारी पर कृत्तिका नक्षत्र की उपस्थिति रहेगी. यह 27 नक्षत्रों में तीसरा नक्षत्र होता है. इस नक्षत्र का स्वामी सूर्य व राशि के स्वामी शुक्र होते हैं. आज सूर्य कर्क राशि में बुध ग्रह के साथ बुधादित्य योग का निर्माण कर रहे हैं.

Posted by Ashish Jha

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