भागलपुर: एसबीआई (SBI) के मिरजानहाट शाखा के ग्राहक हैं, तो जान लीजिए कि अब 40 हजार से कम रकम बैंक में जमा करना मुश्किल होगा. रकम सीधे तौर पर अब काउंटर पर जमा नहीं होगा. रकम जमा करना ही है, तो साथ में डेबिट कार्ड रखना होगा. नयी व्यवस्था के तहत ब्रांच के मौजूदा काउंटर पर 40 हजार से ज्यादा की रकम काउंटर पर सीधे तौर पर जमा होगी. इससे कम राशि पीओएस मशीन के जरिये लिया जायेगा और अकाउंट में डिपॉजिट की जायेगी. अन्यथा, 40 हजार से कम राशि रहने पर जमा करने के लिए कस्टमर सर्विस प्वाइंट (सीएसपी CSP) भेज दिया जायेगा.
नयी व्यवस्था के लागू होने के बाद जानकारी के अभाव में हर दिन किसी न किसी को बैंक से बैरंग लौटना पड़ रहा है. लंबी लाइन का सामना करने के बाद जब वह व्यक्ति काउंटर पर पहुंचता है, तो जमा राशि 40 हजार से कम रहने पर बैंक कर्मी सीएसपी में जमा करने की बात कह लौटा दे रहा है या फिर डेबिट कार्ड पास में रहने पर पीओएस मशीन से जमा करने कहता है. डेबिट कार्ड जिनके पास नहीं रहता है, तो एक बार घर का चक्कर लगाना पड़ता है.
बैंकिंग सेवा का इस्तेमाल हर कोई करता है. ये सुविधाएं ऑनलाइन व ऑफलाइन दोनों तरह से मिलती हैं. चाहे ट्रांजेक्शन का एसएमएस हो या एटीएम से पैसे निकालने की सुविधा, लेकिन कोई भी सुविधा पूरी तरह से फ्री नहीं होती. तमाम सर्विसेज के लिए बैंक अपने ग्राहकों से कुछ न कुछ चार्ज जरूर लेता है.
बैंक अकाउंट में एक निश्चित सीमा तक बैलेंस को मेंटेन करना होता है. खाते में उससे कम अमाउंट होता है, तो न्यूनतम बैलेंस चार्ज देना पड़ता है. एचडीएफसी, आइसीआइसीआइ, बैंक ऑफ इंडिया, बैंक ऑफ बड़ौदा आदि सरकारी व प्राइवेट बैंक में अकाउंट में मिनिमम बैलेंस होना जरूरी है. तय मिनिमम बैलेंस से कम अमाउंट होगा तो उसका चार्ज लिया जायेगा. तमाम बैंकों में न्यूनतम बैलेंस की सीमा और ये मेंटेन न करने पर चार्ज की सीमा अलग-अलग है.
एटीएम से कैश निकालने की सुविधा भी सिर्फ तय समय के लिए ही फ्री में मिलती है. तय संख्या से ज्यादा ट्रांजेक्शन पर बैंक चार्ज लेता है. हर बैंक की तरफ से चार्ज की राशि अलग-अलग निर्धारित है. ज्यादातर बैंक इसके लिए 20-50 रुपये तक वसूलते हैं.
अकाउंट में पैसा क्रेडिट या डेबिट होने पर बैंक अलर्ट मैसेज भेजता है. बैंक इसके लिए भी चार्ज वसूलते हैं. लेकिन, ज्यादातर लोगों को इसका पता नहीं चलता है. क्योंकि, यह चार्ज बहुत मामूली होती है. सरकारी व प्राइवेट बैंक हर तिमाही के लिए करीब 15 रुपये का चार्ज लेती है. अलग-अलग बैंक के लिए चार्ज अलग है.
मामले को लेकर एसबीआई मिरजानहाट के शाखा प्रबंधक ओंकार भारती ने बताया कि काउंटर पर 40 हजार से ज्यादा राशि रहने पर ही सीधे तौर पर जमा ली जाती है. इससे कम राशि रहने पर ग्राहक सीएसपी में जमा कर सकता है. कम राशि अगर बैंक में ही जमा करना है, तो पीओएस मशीन के जरिये लिया जाता है. इसके लिए डेबिट कार्ड का रहना जरूरी है.