Samastipur में अपराधी बेखौफ होते जा रहे हैं. अपराधियों ने शनिवार को जिले के मुफस्सिल थाना क्षेत्र में भारतीय स्टेट बैंक (State Bank of India) की शाखा में लूट की बड़ी घटना को अंजाम दिया. अपराधियों ने स्टेट बैंक के करपुरीग्राम शाखा से चार लाख रुपये लूट लिए हैं. इसके साथ ही, लूट का विरोध करने पर बैंक के गार्ड और एक ग्राहक को रिवाल्वर की बट से मारकर घायल कर दिया है. मौके पर स्थानीय पुलिस पहुंच गयी है. घायलों को प्राथमिक चिकित्सा दी गयी है.
फायरिंग करते भागे अपराधी
बड़ी बात ये है कि एसबीआइ के जिस ब्रांच में ये लूट की घटना हुई है, उसे बगल में ही जदयू के राज्यसभा सांसद रामनाथ ठाकुर का घर है. बैंक में मौजूद ग्राहकों ने बताया कि छह की संख्या में हथियारबंद नकाबपोश अपराधी बैंक में दाखिल हुए और उन्होंने लूटपाट की घटना को अंजाम दिया. अपराधियों ने ग्राहकों के पास से ढाई लाख और बैंक से दो लाख की लूट की है. इसके बाद फायरिंग करते हुए भाग गए. घटना की जानकारी मिलने के बाद स्थानीय थाना और एसपी मौके पर पहुंच गए हैं. बैंक के सीसीटीवी कैमरे की जांच की जा रही है और लोगों से भी पूछताछ की जा रही है.
अपराधियों की पहचान में जुटी पुलिस
बैंक लूटकांड के बाद स्थानीय पुलिस सदर डीएसपी एसएच फखरी के नेतृत्व में घटना में शामिल अपराधियों की पहचान में जुटी है. बैंक के अलावा आसपास के घर एवं दुकानों में लगे सीसीटीवी फुटेज को खंगाला जा रहा है. बैंक के सीसीटीवी फुटेज में सभी बदमाश दिखे हैं. लेकिन शाम तक पुलिस को इसमें कोई खास सफलता हाथ नहीं लगी थी. सदर डीएसपी के साथ साथ मुफस्सिल थानाध्यक्ष प्रवीण कुमार मिश्रा, नगर थानाध्यक्ष चंद्रकांत गौरी एवं डीआईयू की टीम अपराधियों की पहचान में जुटी है. पुलिस की एक टीम ने अपराधियों के भागने की दिशा मे काफी दूर तक पीछा भी किया लेकिन कोई सफलता हाथ नहीं लगी है.
भगवान भरोसे बैंक एवं अन्य वित्तीय संस्थानों की सुरक्षा
जिले में बैंक, सीएसपी एवं अन्य वित्तीय संस्थानों की सुरक्षा भगवान भरोसे ही हो रही है. सुरक्षा मापदंडों को ताक पर रखकर बैंक एवं वित्तीय संस्थानों का काम हो रहा है. ना तो सही से गार्ड की तैनाती होती है और ना ही सुरक्षात्मक प्रबंध किए जाते हैं. इन वित्तीय संस्थाओं में जब जब लूट की बड़ी घटना होती है तब तब सुरक्षा के मुद्दे पर चर्चा शुरू होती है. लेकिन कुछ दिनों बाद ही सब कुछ सामान्य हो जाता है. फिर ना तो वित्तीय संस्थान वाले इस ओर ध्यान देते हैं और ना ही पुलिस प्रशासन.